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घर के अन्य प्रकार
उपरोक्त 64 प्रकार के घरों के अतिरिक्त सूर्यादि आठ प्रकार के घर भी होते हैं
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1. सूर्य द्विशाल घर के आगे तीन अलिन्द हों तथा बायीं ओर एक एक शाला स्तम्भ सहित हो। यह मकान स्वामी को सूर्य सदृश वृद्धि
का कारक है।
3. वीर्य
2. वासव द्विशाल घर के आगे चार अलिन्द हों। बायीं तथा दाहिनी तरफ एक एक शाला हो । यह मकान परिवार को युग युगों तक स्थायी बनाता है।
जिस द्विशाल घर के आगे तीन अलिन्द हों। पीछे की तरफ दो अलिन्द हों। बायीं तथा दायीं तरफ एक एक अलिन्द हो । यह घर सभी वर्णों के लिए हितकारी है।
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5. सुव्रत
6. बुद्धि
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4. काल द्विशाल घर के आगे पीछे दो दो अलिन्द हों तथा दायीं ओर एक अलिन्द हो ! ऐसा घर परिवार के लिए अकाल मृत्यु तथा दुर्भिक्ष का कारण है। अतएव अशुभ है।
द्विशाल घर के चारों तरफ दो दो अलिन्द हों। यह परिवार के लिए सभी सिद्धियों का करने वाला है।
द्विशाल घर के आगे तीन अलिन्द हों, बायीं और दाहिनी तरफ दो अलिन्द हों, पीछे की तरफ एक अलिन्द हो। यह घर परिवार के लिए बुद्धि वर्धक होता है।
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सूर्य १
वीर्य ३
सुव्रत ५
वासव २
लम
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काल ४
बुद्धि ६
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उत्तर f
वास्तु चिन्तामणि
पूर्व
पश्चिम
दक्षिण