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वास्तु चिन्तामणि
बलि, फलं स्वस्तिकं यज्ञ भागं च यजामहे - यजामहे प्रतिगृह्यताम् प्रतिगृह्यताम् अर्घ्य समर्पयामि स्वाहा।
शांतिधारा, (पुष्पांजलि क्षिपेत्) अर्घ्य के साथ कपूर, कश्मीर केशर, लवंग आदि सुगन्धित द्रव्यों
से मिश्रित जल चढ़ाएँ।
(16) इन्द्र देव पूजा हे इन्द्र देव पधारो यज्ञ में, गृह शांति करो परिवार में। वसुद्रव्य भक्ष्य सब आदि ले, जजत हूँ इस यज्ञ आदि में।।16।।
ॐ आं क्रौं ही रक्तवर्णे सम्पूर्ण लक्षण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे इन्द्र देव अत्र आगच्छ- आगच्छ, स्वस्थाने तिष्ठ-तिष्ठ ठः ठः स्वाहा। __ हे इन्द्र देव! इदमयं पाद्यं जलं, गंध, अक्षतं पुष्प, दीप, धूप, चरुं, बलि, फलं स्वस्तिकं यज्ञ भाग न यजामहे .. मनामहे प्रतिगृह्यताम् प्रतिगृह्यताम् अर्घ्य समर्पयामि स्वाहा।
शांतिधारा, (पुष्पांजलि क्षिपेत्) अर्घ्य के साथ मूंग का चूर्ण और फूल चढ़ाएँ।
(17) इन्द्रराज देव पूजा । हे इन्द्र देव पधारो यज्ञ में, गृह शांति करो परिवार में। वसुद्रव्य भक्ष्य सब आदि ले, जजत हूँ इस यज्ञ आदि में।।17।।
ॐ आं क्रौं ह्रीं श्वेतवर्ण सम्पूर्ण लक्षण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे इन्द्रराज देव अत्र आगच्छ- आगच्छ, स्वस्थाने तिष्ठ-तिष्ठ ठः ठः स्वाहा।
हे इन्द्रराज देव! इदमयं पाद्यं जलं, गंध, अक्षतं पुष्पं, दीप, धूपं, चरुं, बलि, फलं स्वस्तिकं यज्ञ भागं च यजामहे - यजामहे प्रतिगृह्यताम् प्रतिगृह्यताम् अर्घ्य समर्पयामि स्वाहा।
शांतिधारा, (पुष्पांजलि क्षिपेत्) अर्घ्य के साथ चावल के बड़े और मूंग का चूर्ण चढ़ाएँ।
(18) रुद्र देव पूजा हे रुद्रदेव पधारो यज्ञ में, गृह शांति करो परिवार में। वसुद्रध्य भक्ष्य सब आदि ले, जजत हूँ इस यज्ञ आदि में।।8।। ॐ आं क्रौं ही प्रवालवणे सम्पूर्ण लक्षण स्वायुध पाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे रुद्र देव अत्र आगच्छ - आगच्छ, स्वस्थाने तिष्ठ-तिष्ठ ठः ठः स्वाहा।
हे रुद्र देव! इदमयं पाद्यं जलं, गंध, अक्षतं पुष्प, दीप, धूपं, चरुं, बलि,