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________________ वास्तु चिन्तामणि 163 वास्तु में रिक्त स्थान का महत्त्व Importance of open space in Vaastu वास्तु निर्माण करते समय यह समझ लेना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है कि रिक्त स्थान जितना अधिक उत्तर या पूर्व की ओर रखा जायेगा तथा दक्षिण और पश्चिम की ओर जितना कम रखा जाएगा, उतना ही उत्तम माना जाता है। यदि दक्षिण या पश्चिम में रिक्त स्थान हो तो वहां नया वास्तु कार्य कर लेने से दोष कम हो जाते हैं। विभिन्न दिशाओं में रिक्त स्थान रहने का फल | क्रं. | दिशा । परिणाम पूर्व कार्य सम्पादन के लिए शक्ति प्राप्ति आग्नेय । महिलाओं को स्वास्थ्य हानि दक्षिण । सर्वत्र कुफल नैऋत्य | अशुभ पश्चिम अशुभ वायव्य मध्यम उत्तर ऐश्वर्य लाभ उत्तम, पुत्र प्राप्ति, विद्या लाभ ईशान तलघर Basement वर्तमान युग में भूमि की कमी को पूरा करने की दृष्टि से तलघर की रचना होने लगी है। लोग उसका उपयोग निरर्थक भारी सामान अथवा दुकान का माल रखने के लिए करते हैं। तलघर का निर्माण यदि अनुकूल दिशा में किया गया तो इसका सीधा प्रभाव वास्तु निर्माता को भोगना पड़ता है। यदि सही योजना बनाकर निर्माण नहीं किया जाता तो वास्तु के निर्माण में बाधा
SR No.090532
Book TitleVastu Chintamani
Original Sutra AuthorDevnandi Maharaj
AuthorNarendrakumar Badjatya
PublisherPragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
Publication Year
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Art
File Size5 MB
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