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वास्तु चिन्तामणि
7. घर के ऊपर की मंजिल में सुन्दर खिड़कियां बना सकते हैं किन्तु
सामने वाले मकान की खिड़की से नीचे के भाग में अपनी खिड़की न बनाएं। यथासंभव घर के पीछे की दीवाल में खिड़की दरवाजे न बनाएं तो
बेहतर है। १. सामने एवं आजू बाजू में खिड़कियां बनाना श्रेष्ठ है।
वास्तु की रंग योजना Colour Plan of Vaastu
रंगों का मनुष्य के मानसिक एवं शारीरिक दोनों ही पक्षों पर प्रभाव पड़ता है। किसी रंग के कमरे में बैठने से मन प्रफल्लित होता है तो किसी रंग के कमरे में अत्यंत मलिन विचार आते हैं। जैन शास्त्रों में पंच परमेष्ठी के आध्यात्मिक स्वरूप के अनुरूप रंगों का विवेचन किया गया है। जैन पंचरंगी ध्वज में इसी बात को ध्यान में रखा गया है। विभिन्न पूजा, पाठ, जाप आदि कार्य करते समय वस्त्र, माला, पुष्प आदि के रंगों का स्पष्ट उल्लेव शास्त्रों में मिलता है। अतएव वास्तु की रंग आयोजना भी ऐसी होनी चाहिए जो कि मनोहारी, शुभ एवं शातिदायक हो।
परिणाम शाति, उत्साह
मध्यम अशुभ, विपरीत प्रभाव
वास्तु की रंग योजना
आसमानी
लाल चाकलेटी काला गुलाबी
सफेद नीला हरा (चूने में मिलाकर)
अशुभ
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शुभ शांति, मानसिक स्थिरता
उत्तम
अतएव ऐसे ही रंगों को चयन करना चाहिए जो शुभ तथा मनोहारी हों।