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वास्तु चिन्तामणि
पाल सकें तथा धर्मात्माओं एवं गुरुओं की सेवा कर अपना आत्म कल्याण कर सकें। गृहस्थों के सुख-दुख में यद्यपि मुनिजन आसक्त नहीं होते हैं किन्तु सामान्य दिशा निर्देश से गृहस्थों को निराकुल जीवन के लिए प्रेरणा अवश्य दे सकते हैं। यह उपयुक्त भी है सदा वस्नीय भी है।
पूज्यवर आचार्य श्री 108 प्रज्ञाश्रमण देवनन्दि जी महाराज तो करुणा के साक्षात् अवतार हैं। वात्सल्य मूर्ति आचार्य श्री ने श्रावकों के प्रति करुणा बुद्धि से ही इस विषय पर अपनी लेखनी का सदुपयोग किया है। वास्तु संरचना अर्थात् आवासगृह, भवन, मन्दिर, प्रसाद, दुकान इत्यादि का प्रयोग गृहस्थ सदैव करता हैं । । वास्तुदोषों के रहने के कारण मनुष्य अनपेक्षित संकटों से घिरा रहता है। अनावश्यक परेशानियों से निरन्तर त्रस्त रहने के कारण गृहस्थ दुखी एवं तनावग्रस्त रहता है। आकुलित मन रहने से उसका ध्यान धार्मिक क्रियाओं में नहीं लगता है। फलतः वह उन्मार्गी होकर नाना प्रकार की मूढ़ताएं करता है। फिर भी वह शान्ति को प्राप्त नहीं करता है। शास्त्रों में वास्तु दोषों के कारण दुख एवं आकुलता का स्पष्ट उल्लेख है तथा गृहस्थों की आकुलता निवारण के लिए ही पूज्य आचार्य श्री ने इस ग्रंथ को लिखने का दुर्लभ उपक्रम किया है।
वास्तु चिन्तामणि नामक इस ग्रंथ के नाम से ही यह स्पष्ट है कि यह वास्तु के विवेचन का शास्त्र है। 'वास्तु' शब्द संस्कृत का शब्द है। इसका उल्लेख संस्कृत के हिन्दी कोष ( रचयिता - वामन शिवराम आप्टे) में इस प्रकार किया है:
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पुल्लिंग, नपुंसकलिंग के वस् धातु में तुण प्रत्यय लगकर वास्तु शब्द का निर्माण हुआ है। इसका अर्थ है- घर बनाने की जगह, भवन, भूखण्ड, जगह, घर, आवास, निवास, भूमि ।
वास्तु शब्द का अर्थ जैन ज्ञान कोश ( मराठी ) में इस प्रकार किया गया हैं- वास्तु का अर्थ घर, ग्राम या नगर है। घर तीन प्रकार के होते हैं
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1. खान 2. उच्छित 3. खातोच्छित
भूमि के नीचे बनाया गया तलघर भूमि के ऊपर बनाया गया घर तलघर सहित दुमंजिला घर
अतएव यह स्पष्ट है कि वास्तु शास्त्र में संदर्भित विषयों में गृह निर्माण एवं उसकी भूमि तथा आवास गृह से सम्बंधित विवेचन किया गया है। प्रस्तुत ग्रंथ में इन्हीं विषयों का सुन्दर विवेचन सरल सुबोध शैली में किया गया है। *जैन ज्ञान कोश स्प. 4 पृ. 172 घर, गांव, नगर थाना वास्तु म्हणतात। घर तीन प्रकार चे असतान 1. खान भूमि खालील घर 2 उच्छित
भूमि वरील घर व 3. स्पातोच्छित तलभरासह दुमजली घर
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