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वास्तु चिन्तामणि 2. ऐसे भूखण्ड में नैऋत्य दिशा का निर्माण कार्य तीव्र गति से करवाएं
अन्यथा अनपेक्षित खतरनाक घटनाएं घट सकती हैं। 3. नैऋत्य का कमरा टूटा फूटा हो तो पहले पूरी सामग्री एकत्र करने के
पश्चात ही कार्य आरम्भ करें तथा प्राथमिकता से इसे पूरा कराएं। इस
समय यात्रा टालना हितकर रहेगा। 4. निर्माण कार्य दक्षिणी या पश्चिमी सिरे से प्रारम्भ करना उपयुक्त है। 5. दक्षिण एवं पश्चिम में पक्का स्लैब (RCC) बनाना चाहिए। भले ही उत्तर एवं पूर्व में झुकावदार छपरी बनाया जा सकता है।
रिक्त स्थान की अपेक्षा 1. इस श्रेणी के मन में दो प्यारों रामः रुनी जमा राना उत्तर : (चित्र
न-3) 2. यदि नैऋत्य दिशा में बिना मूल्य के भी भूखण्ड मिलता हो तो नहीं लेना
चाहिए। यह महाअशुभ है। (चित्र न-3) 3. दक्षिण एवं पश्चिम में उत्तर एवं पूर्व की अपेक्षा कम खाली जगह छोडना शुभ है। (चित्र न-3)
चित्र न.-3
सड़क
सड़क यह भूखण्ड
न लेवें 4. दक्षिण में उत्तर की अपेक्षा अधिक रिक्त स्थान छोड़ना महिलाओं के लिए
अशुभ तथा अकाल मृत्यु आदि की आशंका का कारण है। जबकि