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वास्तु चिन्तामणि
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सड़क
नैऋत्य भूखण्ड
South Western Block ऐसे भूखण्ड जिनके दक्षिणी पार्श्व में सड़क हो वे नैऋत्य भूखण्ड कहलाते हैं। (चित्र न-1) चूंकि नैऋत्य दिशा का महत्त्व
चित्र न.-1 वास्तु शास्त्र में ईशान के समकक्ष है अतएव ऐसे प्रभागों पर वास्तु निर्माण का कार्य विशेष सावधानी से ही करना चाहिये। यदि शास्त्रानुकूल पद्धति से निर्माण कार्य किया जाये तो यह भूखण्ड सबसे
सड़क अधिक उपयोगी तथा स्वामी के । अनुकूल होता है। ऐसे भूखण्डों का मुख्य प्रभाव परिवार प्रमुख, उसकी सहधार्मिणी तथा ज्येष्ठ पुत्र पर परिलक्षित होता है। ऐसे भूखण्डों में निम्नानुसार विशिष्ट सावधानियां रखना भूस्वामी के लिए सफलदाता होता है अन्यथा मृत्युसम आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है
निर्माण की अपेक्षा यदि उत्तर एवं पूर्व से निर्माण कार्य आरम्भ किया जायेगा तथा दक्षिण
!!!! एवं पश्चिम में उत्तर एवं पूर्व की अपेक्षा अधिक
आरम्भ - खाली जगह छोड़ी जायेगी तो धननाश,
चित्र न.-2 वंशनाश, अनाथ होने जैसे संकट आयेंगे। (चित्र न-2)
निर्माण -
सड़क