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वास्तु चिन्तामणि
3. यदि दक्षिणी भाग में चबूतरा पूर्व से ग्रिल से जुड़ा हो तथा ग्रिल के नीचे
की दीवाल घर की अन्य दीवालों से पतली न हो तो शुभ है अन्यथा पूर्वी आग्नेय की ओर विस्तार का परिणाम विपरीत मिलेगा। यदि यही ग्रिल पश्चिम से जुड़ी हो तो ठीक है अन्यथा इससे पश्चिमी नैऋत्य के विस्तार का असर मिलेगा। शौचालय यदि आग्नेय में बनाना अपरिहार्य हो तो भी स्नानगृह पूर्व में ही रखें। नारियल, नील आदि बड़े वृक्ष दक्षिणी आग्नेय एवं दक्षिणी नैऋत्य के
मध्य लगाएं। 6. यदि उद्योग हो तो बायलर, ट्रांसफार्मर पूर्वी कम्पाउन्ड वाल से 3 फुट दूर
रखें। यदि उद्योग में आग्नेय कोण में शौचालय बनाना अपरिहार्य हो तो पूर्वी कम्पाउन्ड वाल से 3 फुट दूर बनाएं। शौचालय कम्पाउन्ड वाल को स्पर्श
कर न बनाएं। 8. यदि भूखण्ड में निर्मित मकान में पूर्वी या मध्य आग्नेय में बढ़ाव है, तथा
कुंआ, गड्ढे आग्नेय में हैं एवं उत्तर में रिक्त स्थान नहीं है अथवा दक्षिण में उत्तर की अपेक्षा ज्यादा रिक्त स्थान है अथवा नैऋत्य या पूर्वी आग्नेय में कम्पाउन्ड वाल में गेट है तो ऐसी स्थिति भीषण फल देती है। निवासी को मुकदमेबाजी, अग्निभय, चोरी, अनैतिक चरित्र एवं कर्ज का सामना करना पड़ेगा। बर्बादी में मकान बिकने की नौबत आ सकती है। पुरुष संतति का अभाव होने से संपत्ति लावारिस हो जायेगी। (चित्र आ-3}
अधिक रिक्त स्थान
चित्र आ -3
सड़क
विस्तार
अधिक रिक्त स्थान
सड़क