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वास्तु चिन्तामणि
4. आग्नेय कोण कुछ कटा हुआ हो किंतु अकारण न हो तो शुभ है। 5. आग्नेय कोण दक्षिण की ओर बढ़ा हुआ हो तो शत्रुता एवं स्त्री रोग की आशंका होगी। किंतु आग्नेय कोण का विकास ठीक आयताकार या वर्गाकार के लिये हो तो अशुभ नहीं है।
1.
छापरी
क. वाल
2.
अन्य महत्त्वपूर्ण संकेत
प्रमुख प्रवेश पूर्व में हो, कम्पाउन्ड वाल में पूर्वी आग्नेय में अतिरिक्त गेट हो, ईशान में कटा हुआ हो, वायव्य में कुंआ हो, पश्चिमी वायव्य में झुकी हुई छपरी हो, पश्चिमी भाग कम ऊंचा हो तो गृहस्वामी बुद्धिमान एवं शिक्षित होने पर भी आत्महत्या करने को प्रवृत्त हो सकता है। ( चित्र आ - 2 )
कटा ईशान
भाग
कुआं
चित्र आ
-2
-
निर्माण
सड़क
प्रवेश
प्रवेश
यदि पूर्वी आग्नेय का विस्तार पूर्वाभिमुखी हो तो संतति की मृत्यु होकर गृहस्वामित्व महिला
पुरुष सदस्यों को मिलता है।
सड़क
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