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वास्तु चिन्तामणि
जमीन या वास्तु का रास्ता
Way to Land or Vaastu वास्तु की ओर जाने वाले रास्ते का भी अपना विशिष्ट महत्त्व है। यदि रास्ता वास्तु के पास से उत्तर की ओर जाता है तो भाग्योदय होता है। पूर्व की और का रास्ता शुभफलदायी है। इससे पारिवारिक शान्ति तथा लोगों के विचारों में शालीनता आती है।
वास्तु के पश्चिम की और का रास्ता पारिवारिक कलह तथा आर्थिक हानि देता है। वास्तु के दक्षिण की ओर का रास्ता भी अच्छा नहीं है। ऐसी वास्तु के निवासी स्वभाव में चिड़चिड़े हो जाते हैं।
यदि वास्तु के चारों ओर रास्ता हो तो यह अति उत्तम है तथा सर्वसुखदायी है। परन्तु चौराहे के मध्य निर्मित वास्तु कीर्ति का नाश करती है।
चतुष्पथेत्वकीर्तिः स्यादुद्वेगो देव सद्मति।
अर्थ हानिश्च सचिवेश्वभे विपद उत्कटा।। चौराहे पर मकान बनाने से कीर्ति का नाश होता है। किसी देवालय के स्थान पर वास्तु या मकान बनवाने से उद्वेग एवं विवाद होते हैं।
मन्त्री के स्थान पर घर बनाने से धनहानि होती है। किसी गड्ढे में घर बनाने से परिवार पर घोर विपत्ति आती है।