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________________ : का विभिन्न दर्शनों के धर्मग्रन्थ जैनों के मुख्य धर्म-ग्रन्थ आचाराङ्ग सुत्रकृताङ्गसमवायाज-भगवती आदि बारह अङ्ग है । T - बौद्धों के विनयपिटक सुत्तपिटक अभिधम्मपिटक, ऐसे तीन पिटक -प्रन्थ हैं। प्रथम में साधुओं के नियम हैं, दूसरे में बाद्धसिद्धान्त है— इसके पांच निकाय ( दोघं - निकाय आदि) हैं। तीसरे में धार्मिक क्रिया-कलापों का वर्णन है । वैरिकों के वेद, ब्राह्मण, उपनिषद्, श्रुति स्मृति महाभारत, रामायण एवं पुराण आदि हैं। यहूदियों के पुरानी वाइबल, ( OLD TESTAMENT) के तोरा, नवी, नविश्ते ये तीनों भाग एवं तालमुद है । ईसाइयों का - बाइबल मरकूस, मत्ती, लूका तथा यूहन्ना के सुसमाचार - इन चार भागों में विभक्त हैं । ताओ तथा कन्फ्युसियस धर्मवाले चीनियों का - ताओतेहकिंग ( ताओ उपनिषद् ) हैं | ८१
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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