________________
चौथा भाग : पहला कोष्ठक
स्वाध्याय पाँच प्रकार का है—(१) वाचना, (२) पृच्छना,
(३) परिवर्तना (४) अनुप्रेक्षा (५) धर्मकथा । १३. सज्झायरए समिक्सू
- कालिक १०६ जो स्वाध्याय में अनुरक्त हैं, वह साधु हैं । १४. स्वाध्यायान्मा प्रमदः ! -तैत्तिरीयोपनिषत् १।११।१
स्वाध्याय करने में प्रमाद मत करो!