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१. गुण पूरी रूरी सुरभि, कस्तूरी कमनीय । एकहि अवगुण मलिनता, हरे जनक को जीय ॥
२. फूल हुवे जठे कांटा भी हु ।
· गाम ह ज (वाड़ी) अक्करड़ी भी हु । • हवेली दूर्व जर्के तारतबानो भी हु । ● लंका में दलदरी भी हुवे ।
No garden without weeds. नो गार्डन विदाउट वीड्स ।
गुणों में दोष
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- राजस्थानी कहावत
— अंग्रेजी कहावत
कोई उद्यान ऐसा नहीं है, जिसमें घास-फूस बिल्कुल न हो ।
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