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________________ १० गुणशून्य नाम १. आख्यां रो आंधो, नाम नैणसुख । जन्म से संगतो, नाम दाताराम । जन्म रो दुखियारी, नाम सदासुख । बांधे लंगोटी, नाम पीताम्बरदास । मांगे भीख, नाम लखपतराय । कनें कोड़ी कोनी र नाम किरोड़ीमल । पठ्यो न लिख्यो नाम विद्याधर 1 झाँटमान झंपड़ी र नाम तारागढ़। - राजस्थानी कहावत २. नाम दियो सूरो रणधीर, भाग्यो जावै दीठां तीर । नाम दियो छे धर्माशाह, पाप करण री नहीं परवाह ।। नाम दियो बाई रो लाछ, मांगी न मिले कुल्हड़ी छाछ । नाम दियो बाई रो चंपकली, गोबर बीरणे गली-गली ॥ ___-राजस्थानो-पद्य ३. हीरालाल नाम सो तो कंकर को कर कार, वृद्धिचंद नाम पूंजी गाँठ की गमावे है। नाम तो संतोषदास पल में झलक उठे, ___ गंभीरमल नाम सो तो लोकान लड़ावे है ।। शोभाचंद नाम सो तो कुशोभा करत नित, । प्यारचंद नाम खार जग में बसावे है । ११४
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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