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________________ अनुक्रमणिका पहला कोष्ठक : पृष्ठ १ से ६३ तक १ सज्जन (सत्पुरुष), २ सज्जनों का स्वभाव, ३ सजनों के स्वभाव की निश्चलता, ४ सत्संगति, ५ मत्संगति का प्रभाव, ६ दुर्जन (बुट), ७ दुर्जनों का स्वभाव, , दुर्जनसंग-परित्याग, कुसंगति का असर, १० कुसंगति से हानि, ११ दुष्टों का सुधार कादिन, १२ दुर्जनों के माय व्यवहार, १३ धूर्तदगाबाज, १४ ढोंग और होंगी, १५ सज्जन-दुर्जन का अन्तर, १६ भलाईसज्जनता, १७ बुराई-दुर्जनता, १८ भलाई बुराई की अमरता, १६ संगति के अनुसार गुण-दोप, २० महान्पुरुप-महात्मा, २१ महापुरुषों का पराक्रम, २२ महान पुरुषों के विषय में विविध, २३ महापुरुषों का सम्पर्क, २४ बड़ा मादमी और बड़प्पन, २५ उत्तमपुरुष, २६ उत्तमपुरुषों का स्वभाव, २७ अधम (नीच) पुरुष, २८ शारीरिक दोष पर आधारिन अधमता, २६ धीर-पुरुष, ३० धैर्य, ३१ उत्तावल, ३२ तेजस्वीपुरुष, ३३ समर्थपुरुष, ३४ शूरवीर पुरुष, ३५ क्रायर, ३६ शूरता और काथरता, ३७ बलवान व्यक्ति ३८ अद्भुत बलिष्ट व्यक्ति, ३६ निर्मन, ४० बल-पराक्रम, ४१ कुलीन पुरुष । दूसरा कोष्ठक : पृष्ठ १४ से १७४ तक १ गुण, २ गुणों का महत्व, ३ विभिन्न प्रकार के गुण, ४ गुणों का नाश एवं प्रकाश, ५ गुणज, ६ गुणी, ७ गुणग्राहक बनो ! ८ गुणग्राही के अभाव में, है गुणहीन, १० गुणहीन नाम, ११ दोष, १२ स्वदोप, १३ पर-दोष, १४ गुणों में दोष १५ दृष्टि-दोष एवं उसके आश्चर्य, १६ उपकार (अहसान), १७ परोप- . कार, १८ प्रत्युपकार (उपकार का बदला), १६ कृतज्ञता और कृतज्ञ, २० परोपकारी, २१ निरूपकारी, २२ कृतघ्न, २३ उदार और उदारता, २४ दाता,
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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