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________________ पांचवा भाग : चौथा कोष्ठक २८३ महाद्वीपों के निकटवर्ती वेशों की जनसंख्या उन-उन महाद्वीपों के साथ जोड़ी गई है, जिन-जिनके वे विशेष निकट हैं।] ४. महादोपों का संक्षिप्त परिचय : एशिया-यह सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसमें लगभग सभी प्रकार की जल-वायु, वनस्पति, जीव-जन्तु और मनुष्य मिलते हैं । यूरोप भी वास्तव में इसो महाद्वीप का एक बड़ा पश्चिमी प्रायद्वीप है। यह पूर्वी गोलार्द्ध (पुरानी दुनिया में भूमध्य रेखा से उत्तरी ध्रुब देश तक स्थित है। इसके उत्तर में उत्तरी ध्रुव सागर, पूर्व में प्रशान्त महासागर दक्षिण में हिन्दमहासागर और पश्चिम में रक्तसागर, अफ्रीका, रूमसागर, कृष्णसागर, कैस्पियन सागर, यूरालपर्वत और यूरोपमहाहीप हैं। अफ्रीका-एशिया के बाद अफ्रीका संसार के शेष महाद्वीरों में सबसे बड़ा है । क्षेत्रफल की दृष्टि से यह एशिया का दो तिहाई है, लेकिन इसकी आबादी एशिया का कुल साढ़े पांचवां हिस्सा है। एशिया और यूरोप इसके निकट के पड़ोसी हैं । अफ्रीका और यूरोप को जिब्राल्टर-जलसंधि अलग करती है, तथा अफाका और एशिया का स्वेज-थल सधि मिलाती है। अफ्रीका के उत्तर में कर्क रेखा के निकट ससार का सबसे बड़ा मारथाल सहारा है। दक्षिरण में मकर रेखा के निकट कालाहारो महस्थल है। इस महाद्वीप में विक्टोरिया, टांगातीका आदि झोने तथा नील, काङ्गो आदि नदिया है।
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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