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________________ २१. दृश्यमान जगत की आबादी १. अनुमान है कि पत्थर युग में इस दुनियां की जनसंख्या एक डेढ करोड़ थी ! दो हजार वर्ष पूर्व क्राइस्ट के युग में यह जनसंख्या २० करोड़ हो गई। ईसवी सन् १६५० में पचास करोड़, १७५ - में सत्तर करोड़, १८५० में करीब एक अरब, १६०० में डेढ़ अरब और १९६० में डेढ़ से तीन अरब हो गई। -जनमारती, अंक २३ २. संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार सन् १९६३ के मध्य तक विश्व की आबादी ३ अरब १८ करोड़ थी। -हिन्दुस्तान २४ अक्टूबर, १९६३ ३. वर्ल्ड रेडियो टी. वी. हैंडबुक १६७१ संस्करण के अनुसार वर्तमान विश्व की जनसंख्या ३,५२,८७,७०,५५८ है । (कुछ देशों की जनसंख्या उपलब्ध नहीं हो सकी है।) ४. विश्व में प्रति मिनट १२५, प्रतिदिन एक लाख ८० हजार, प्रति माम ५० लाख और प्रति वर्ष ६ करोड ४८ लाख मनुष्य बढ़ते हैं। नवभारत ६ दिसम्बर १९६५ ५. विश्व में प्रति घंटा १३५०० मनुष्य पंदा होते हैं और ५०० मरते हैं। -हिन्दुस्तान, २८ अगस्त, १९६६
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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