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नरकगामी कौन ?
१. जे केइ बाला इह जीवियट्ठी ,
पावाई कम्माई करति रुद्दा । तं धोररूवे तमिसंधयारे , तिव्वाभिताबे नरए पति ।।
--सूत्रकृताग ५॥१३ जो अज्ञानी इहलोक के अर्थी बनकर घोरपाप करते हैं, वे अत्यविक अन्धकारवाले एवं तीव्रअभितापवाले नरक में पड़ते हैं। २. इमं दंडेह, इमं मुडह, इमं तज्जेह, इमं तालेह . . . .
इमं हत्यछिन्नयं करेह, इमं पायछिन्नयं करेह, इम, उट्ठछिन्नयं करेह, इमं सीछिन्नयं करेह, इमं मुहछिन्नयंकरेह, इमं वेछिन्नयं करेह, · · · · इमं भत्तपारण निरुद्धयं करेह, इमं जाबज्जोववंधणं करेह, इमं अन्नयरेणं असुभकुमारेणं मारेह !' . ' तहपगारे पुरिसजाए · · · · · · कालमासे कालं किच्चाधरणीयलमईदइत्ता अहे नरगधरणीयले पइट्ठाणे भवइ ।
- दशाश्रुतस्कन्ध ६ इसे दण्डित करो, इसे मण्डित करो, इसे मारां, इसे पीटा, इमके हाथ काटो, ईसके पैर काटो, इसके कान काटो, इसकी नाक
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