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पाँचवां भाग दुसरा कोण्डक
जो काल, क्षेत्र, मात्रा आत्मा का हित द्रव्य की गुरुता लघुता एवं अपने बल को विचार कर भोजन करना है, उसे दवा की जरूरत नहीं रहती ।
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५. बीमारियों को अधिकता पर यदि आपको आश्चर्य हो तो अपनी थाली गिनिये !
- सिनेका