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वक्तृत्वकला के बीज
१०. मथुरा का पेड़ा अरु जयपुर की कलाकन्द,
बूंदी का लड्डू सब लड्डु से सवाया है । उज्जैन की माजम, अजमेर की रेवड़ी रु.
काबुल सा मेवा और काहू न दिखाया है । बनारस की शकर टक्कर सभी से लेत,
सिंध सा सिंघाड़ा स्वाद और न बनाया है। वाहत सजान बीकानेर की अधिकताई,
मिसरी, मतीरा, भुजिया तो, ही सराया है ॥