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अनुक्रमणिका
पहला कोष्ठक
पृष्ठ १ से ६६ १ श्रावक (श्रावक की पूर्व भूमिका), २ श्रावक का स्वरूप, ३ श्रायक के गुण, ४ श्रावक धर्म, ५ वादक के विषय में विविध, ६ सामायिक, ७ सामायिक के विषय में विविध, ८ सामायिक का प्रभाव, ६ नाम की सामाविक, १५ पौषध, ११ तप, १२ तप से लाभ, १३ तप कैसे और किसलिए, १४ तप के भेद, १५ मनशन, १६ उपवास, १७ प्राय शिवस. १८ प्रायश्चित्त के भेद, ११ आलोचना, २० मालोचना के विषय में विविध, २१ आलोचना के दोष, २२ आवश्यक, २३ वैयावृत्य ।