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१. संत सताया संतदास, तेण सताया दीन ।
गुस्तमार अतीत की हो जाये तेरा-तीन ।
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संतों का संताप
- संतदास
२. एक भक्त रामायण पढ़ रहा था। पढ़ने में स्खलना होते ही हनुमान ने ( जो रामकथा में सदा उपस्थित रहते हैं। उसके मुंह पर जोर से थप्पड़ मार दिया। फिर राम के दरबार में गये तो मुंह सूजा हुआ देखा। पूछने पर राम ने कहा, तूने ही तो मारा है ।
- जैबिक
३. संत सतायां जात है, नाम ठाम अरु वंश, पोपा ! परतख देख लो ! जादव-कौरव - कंस |
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४. प्रांगधा के एकाउंट जनरल के पास योगी ने भिक्षा मांगों । उत्तर में कहा- विष्ठा खाले ! योगी बोलाजा तुझे विष्ठा ही मिलेगी। बस, उसी दिन से खातेपीते एवं सोते समय विष्ठा बरसने लगी ।
क रूपक
२. प्रांगना के जयचन्द - कालीदास में किसी योगी ने कम्बल मांगी। उसने कहा आग लेले ! बस आग ही आग