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विवेक-महिमा
१. विवेगे धम्ममाहिए।
विवेक में धर्म कहा गया है । २. विवेको मुक्तिसाधनम् ।
विवेक मुक्ति का साधन है। ३. विवेको गुरुवत् सर्वं, कृत्याकृत्यं प्रकाशयेत् ।
विधेक गुरु की तरह इला इत्य का दिगवाता है । ४. निर्वातहृद्-गेहगतः प्रकाशयेत्,
सर्वेप्सितं वस्तुविचारदीपकः । ब्रह्मानन्व चञ्चलतारूप वायु से रहित हृदयमंदिर में विवेकरूप दीपक
समस्त इच्छित वस्तुओं को प्रकाशित करता है । ५. एको हि चक्ष रमलः सहजो विवेकः ।
विवेक एक स्वाभाविक निर्मल नत्र है ।
कोर्टसी कोस्टस् नथिंग एडवाइज एबीथिंग ।
-अप्रेमी हहावत विवेक के लिए एक पाई भी नहीं लगती, किन्तु इससे हरएक
चीज खरीदी जा सकती है । ७. न विवेक विना ज्ञानमः ।
विवेक के बिना ज्ञान नहीं होता ।