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चौथा भाग : दूसरा कोष्टक
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१८४३, उर्दू में ७८५, बंगला में ५५० और गुजराती में ५१४ थीं ।
दैनिक समाचार पत्र २० भाषाओं में और अन्य नियतकालिक पत्र-पत्रिकाएँ ४६ भाषाओं में प्रकाशित हो रही थीं। दैनिक समाचारपत्र १५ प्रमुख भाषाओं के अलावा चीनी, पुर्तगालो, कोंकणी, लुशाई (मिजा) ओर मणिपुरी में छप रहे थे । नियतकालिक पत्र-पत्रिकाएँ भारतीय भाषाओं के अलावा आठ विदेशी भाषाओं, (नेपाली, अरबी, फ्रांसीसी, तिब्बती, बर्मी, इन्दोनेशियाई, पश्तो और फारसी) में भी छप रही थीं ।
प्रारम्भिक अनुमानों के अनुसार १६६६ में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की कुल प्रचार- संख्या २ करोड़ १६ लाख ६० हजार थीं। दैनिक समाचारपत्रों में सबसे पुराना गुजराती का 'बम्बईसमाचार' है, जो १८२२ भें स्थापित हुआ एवं हिन्दी का सबसे पुराना समाचारपत्र कलकत्ते का 'विश्वमित्र' है जो १६१७ में स्थापित
हुआ था ।
--- नवभारत टाइम्स, ९ अगस्त १६६७ प्रेसरजिस्ट्रार की रिपोर्ट के आधार पर
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भारत में सवप्रथम समाचारपत्र २६ जनवरी सन् १७३१
को कलकत्ता में छपा था ।
-- विश्वमर्पण, पृष्ठ-३८