________________
की सुख सुविधा सुलभ कराने तक ही सीमित नहीं है अपितु धार्मिक, साहित्यिक शौक्षणिक, छात्रवृत्ति, चिकित्सा, असमर्थ व्यक्तियों की सहायता, ग्राम्य विकास प्रादि अनेक लोक कल्याणकारी, सामाजिक व सार्वजनिक गतिविधियां भी प्रयास कारणी कमेटी द्वारा संचालित हैं।
जैन वा मय के अन्वेषण, प्रकाशन तथा नवीन साहित्य के निर्मामा की दिशा में भी क्षेत्र द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
प्रस्तुत काव्य की महत्त्वपूर्ण प्रस्तावना लिखने के लिए हम प्रोफेसर हा. रामचन्द्र जी द्विवेदी मध्यक्ष, जैन अनुशीलन केन्द्र राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के प्रत्यधिक आभारी हैं जिन्होंने हमारे निवेदन को स्वीकार कर प्रस्तावना लिस्बमे की महती कुपा की है।
हम पं. मूलचन्द जी शास्त्री के प्रति भी कृलमता प्रगट करते हैं जिनने संस्कृत साहित्य की इस काव्य रचना के प्रकाशन की हमें स्वीकृति प्रदान की। इस प्रकाशन के प्रूफ देखने में पं. अनुपचन्द जी न्यायतीर्थ ने काकी श्रम किया है ये भी धन्यबाद के पात्र हैं।
कपूरचय पाटनी
म मन्त्री