SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॥२७॥ पण कर। बेतना ते मानवंता ट्रस्टी . ए नपरांत केटझाएक मीलोना तेश्रो कारेक्टर छ. तिष्टा माप्त कररी तेमणे पोवान्य मानव जीवननी सफलता करेसी ने. आर्व। उत्तम प्र "माणस विदेशमां ममे तेटली प्रतिष्ठा प्राप्त करे, पण ज्यांमुधी ते स्वदेशमा के स्ववतनमा पोतानी नदारता के सखावत प्रसारे नहीं, त्यांमुधी ते प्रतिष्ठा पूर्ण कडेवाती नथी." आ नीनिमूत्रने समजनारा शेन वसनजीनाए पोताना कुटुंबनी जन्मभूमि कच्छ-सुथरी वगेरे गामोमां सारी सारा कार्यो करेला छ. अने तयी तेनो कच्छपति | महाराव" श्री सर गारजी" सबा बाहादूर सी. आइ. इनी आगवानी प्रजामा प्रकाशी नीकळ्या . महाराव श्री तेमने प्रेमनी दृष्टिप नीहाळे छे, अने नेग्रोनी योग्यता प्रमाणे तेयोने मान आपे छे. केळवणी रूप कस्पताने पावित करवाने शेन वसनजीजाइए पोताना वतन मुथरीमां पोताना स्वर्गवासी पलीमोना निर्मळ नामयी ८ खेतबाइ जैन पाठशाळा अने रतनबाद कन्याशाळा" स्थापी बे. नेमज पोतानां विद्यमान सौनाम्यवता पत्नी वालवाना नामथी " जसापुर गाममा एक बीजी जैन पाठशाळा पण स्थापित करेलो" ने शिवाय कच्ची जन प्रजामा ज्ञान वृद्धि करवाने नानी नानी जैनशाळायो कच्छ देशमा नघामवामां तेमाणे सारी प्रापेली . अने अद्यापि प्रापवाने सदा उत्सुक रहे ने श्री जपदेशरत्नाकर. चारतवर्पनी प्राचीन जन धार्मिक अने सांसारिक पकनी जे आपणी हिमयक अवनवीन जामे , तेनं || ज्यारे मक्रम अवोकन करी छीए न्यारे कांक कांक प्रचन्न विचागेमि प्रापणा हृदयमा छळे .ने पटतीनो पुनःप्रचार करवाने अने हानी पंधनना सत्तावान या वेनेसा रीति कृतिरूप कुरीवानो नया एक दिशा प्रयत्न . स्वाथी उद्धार यो, एम माननारा तथा तदनुसार विरुद्ध वचनारा मुधारकोने प्रवनी नीति तिर्थी वविवार नीलाइ नन मन धनधी प्रयत्न करनारा छे. नेमज व्यापार अने उधोगना व्यवहारमा निपूण धवाने विदेशगमन म
SR No.090523
Book TitleUpdeshratnakar
Original Sutra AuthorMunisundarsuri
AuthorMunisundarsuri
PublisherJain Dharm Vidya Prasarak Varg
Publication Year
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Sermon
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy