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शेव वसनजीलानी सखाक्तनो प्रारंज तेमना चाव्यवययीज थलो छ. वनिनो चियोग यया पड़ी ज्यारखी तेमना व्यवहारनो नया कुटुंबनो जार तेमने शिर आरुढ यो त्यारवीज तेमनी सम्बावतना जीवननो आरन थयो छ. संवन् १९३३ ना वर्षमा तेमना माताजी अने दादीजीना चषणामा तेमणे घणो खर्च को हतो. जे प्रसंगे तेमनी उदारता मशंसापात्र जोवामां आधी हती. शेठ वसनजीजाइए कच्छ-साएसमां पाताने खर्च एक नव्य जिनाअब धाव्यु छ, ते पाक ओर दश हमाः सीमाना पहाव्यय करेझो छे. संवत १७३४ ना वर्षमा ए जिनालयमा अनुनी प्रतिष्टा करवामां आत्री ने समय ग्रामपासना घणां गायोमयी कच्छी जेन प्रजानो माहोटो समुदाय एकठो थयो । हतो. तेमना सन्कार करना माटेप सारी वागणी दर्शाची हती. सर्वना श्रानिथ्यने माटे जोजन वगेरेनी सारी गोवरा करी हती. ए प्रसंगे बादामीनो समुपयोग करवायी तमन। धपकी नि आखा कच्छ देशमा प्रसरी हती.
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श्री उपदेशरत्नाकर
संचन १७५२ ना वपमा उदार शव वसनजी जाइए स्वझातिना गरीच बंधुओने ओले जावे अनाज आएवानी एक माटी मुकान ज्यामी हती अन ने दो वर्ष सुधी चाइ राखी ने पारळ पांच हजार सीआनी मोटी रकम खो हती. जेन माटे तो स्वज्ञा तिजनामा पूर्ण प्रशंसा पाम्या हता. ज्यारे मोहमयीनगरीमा मस्कीनो जयंकर रोग | प्रवत्यो, त्यारे ए दयालु शेरे मरकीयी पीमाता रोकोने शांनि प्रापी सारबार करवा माटे बंदर उपर एक खास औष-18 धालय स्थापी भरकी यी पीमाता बंधुओने मागे लान आप्यो हनी. अने ने शुभ कार्य त्रए वर्ष सुधी चलावीने पाछळ रुपीया चाळीशहजारमो गंजावर खर्च को हती. मां कोलनी पाग मदद न हती. आयी प्रसन्न पद नामदार सरकारे तेओने प्रमाणपत्र प्रापन, जेनी अंदर शेष बसनजीजाइनी परोपकारी वृत्तिनी प्रशंसा करवामां आची है.
गया उपनना भयंकर काळमा संकटमा प्रावी पमेशा झोकान मदद आपवामां शेन क्सनजीलाइए सारी सहाय आपा हनी. पोनानी जन्ममि कच्च-मुयरीमा अनाजनी पुकान काही घणा गरीव कुटुंबाने तेमणे सारो