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________________ [27 इस पृथ्वी को कैसे प्राप्त करोगे? जहाँ सिंह रहता है वहाँ हाथी कैसे रह सकता है ? किन्तु अब मेरी कोई इच्छा नहीं है। मैं मोक्ष साम्राज्य की कारणभूत दीक्षा ग्रहण करूंगा। किष्किन्ध्या का राज्य मैं सुग्रीव को दूंगा। वह तुम्हारी आज्ञा का पालन करता हुआ यहाँ राज्य करेगा।' (श्लोक २१३-२२५) ऐसा कहकर सुग्रीव को राज्य देकर बाली ने गगनचन्द्र मुनि से दीक्षा ग्रहण कर ली। विविध प्रकार के अभिग्रहों का पालन कर तपस्या में निरत होकर प्रतिमाधारी मुनि बाली ममता रहित भाव से शुभ ध्यानपूर्वक इस पृथ्वी पर विचरण करने लगे। जिस प्रकार वक्ष पत्र पूष्प फल आदि सम्पत्ति को प्राप्त करता है उसी प्रकार बाली मुनि ने अनेक लब्धियों को प्राप्त किया। एक बार विहार करते हए वे अष्टापद पर्वत पर आए और दोनों बाहएँ फैला कर कायोत्सर्ग ध्यान में निमग्न हो गए। उन्होंने ध्यान की जो प्रतिमा धारण कर रखी थी उसे देखकर लगता था मानो वृक्ष पर झूला डाला हुआ है। इसी प्रकार एक मास पर्यन्त वे ध्यान में रहे। तत्पश्चात् दूसरे दिन पारणा किया और पुनः एक मास का व्रत ले लिया। इसी प्रकार उनका मासक्षमण का व्रत चलता रहा। (श्लोक २२६-२३०) उधर सुग्रीव ने अपनी बहिन श्रीप्रभा का रावण के साथ विवाह कर दिया। इस विवाह ने पूर्व स्नेह रूपी सूखते वक्ष को पुनः सजीव बनाने में जलधारा का काम किया। तदुपरान्त चन्द्र से उज्ज्वल कीर्ति सम्पन्न सुग्रीव ने बालीपुत्र पराक्रमी चन्द्ररश्मि को युवराज पद पर अभिषिक्त कर दिया। सुग्रीव को अपना आज्ञाकारी बना कर एवं श्रीप्रभा को साथ लेकर रावण लङ्का लौट आया। और भी अनेक विद्याधर कन्याओं के साथ रावण ने बलपूर्वक विवाह कर लिया। (श्लोक २३१-२३४) ___ एक बार रावण नित्यालोक नगरी के राजा नित्यालोक की कन्या रत्नावली से विवाह करने जा रहा था। राह में अष्टापद पर्वत पड़ा। जिस प्रकार दुर्ग प्राचीर के समीप आने पर शत्रु सैन्य की गति अवरुद्ध हो जाती है, उसी प्रकार अष्टापद पर्वत के ऊपर से जाते समय रावण के पुष्पक विमान की गति अवरुद्ध हो गई। सागर में लङ्गर डालने पर जिस प्रकार जहाज की गति रुद्ध हो
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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