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________________ 119 मेघ की तरह नेत्रों को आनन्द देने वाले मेघवाहन नामक एक और पुत्र को जन्म दिया। (श्लोक १०५-१०६) पिता के साथ वैश्रवण की शत्रता की बात स्मरण कर विभीषण और कुम्भकर्ण बीच-बीच में वैश्रवण शासित लंका राज्य में उपद्रव करने लगे। इससे कुपित होकर वैश्रवण ने सुमाली के पास यह कहकर दूत भेजा-'रावण के छोटे भाई, तुम्हारे पुत्र कुम्भकर्ण और विभीषण को समझाकर लंका में उपद्रव करने से रोको। ये दोनों दुर्मद युवक पाताल लंका से कुप-मंडुक की भाँति अपनी शक्ति का परिमाप किए बिना ही स्वयं को वीर समझकर जयलाभ की इच्छा से मेरे राज्य में उपद्रव करते हैं। मैं बहत दिनों से उनकी उपेक्षा करता आ रहा हूं। ओ क्षुद्र, अब भी तूने उन्हें नहीं रोका तो उनके साथ तुझे भी वहाँ भेज दूंगा जहाँ माली गया है। तू तो मेरी शक्ति से भलीभाँति परिचित है।'(श्लोक १०७-१११) दूत की यह बात सुनकर महा मनस्वी रावण क्रोधित होकर बोल उठा, 'कौन है यह वैश्रवण जो अन्य को कर देता है ? जो दुसरे के आदेश से लंका में शासन करता है उसको ऐसी बात कहने में लज्जा भी नहीं आती ? ओह कितनी धृष्टता है ! तू दूत है अतः तेरी हत्या नहीं करूंगा। जा मेरे सामने से चला जा।' (श्लोक ११२-११३) रावण की बात सुनकर दूत तत्काल वैश्रवण के पास लौट गया और सब कुछ ज्यों का त्यों कह सुनाया । क्रुद्ध रावण दूत के पीछे पीछे अनुज और सैन्य सहित लंका पर आक्रमण करने के लिए निकल पड़ा और दूत के द्वारा वैश्रवण को युद्ध का निमंत्रण भेजा। अप्रतिहत तूफान जैसे एक मुहूर्त में ही अरण्य को अस्त-व्यस्त कर डालता है उसी प्रकार रावण ने वैश्रवण की सेना को तहस-नहस कर डाला । वैश्रवण स्व-सेना की पराजय को अपनी पराजय समझकर एवं क्रोध शान्त होने पर सोचने लगा । कमल के विनष्ट होने पर जैसे सरोवर की, दाँत टूट जाने पर हस्ती की, शाखा भंग हो जाने पर भृक्ष की शोभा नहीं रहती या मणिहीन अलंकार की, चाँदनी रहित चन्द्र की, जलहीन मेघ की जो स्थिति होती है शत्र द्वारा मान मदित होने पर उसकी भी वही स्थिति हो जाती है । धिक्कार है ऐसी स्थिति को ! जिसका मान मर्दित हुआ है ऐसा व्यक्ति यदि
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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