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________________ 262] परलोक के सभी जीवों के कल्याण के लिए उनका पवित्र जीवन विवृत करता हूं। (श्लोक १-२) ___इस जम्बूद्वीप के पश्चिम विदेह में भरत नामक विजय में ऐश्वर्य की निधान रूप कौशाम्बी नामक एक नगरी थी। वहाँ के राजा का नाम था सिद्धार्थ जिनकी आज्ञा आखण्डल (इन्द्र) के आदेश की तरह अखण्ड रूप से पाली जाती थी। उन्होंने प्राथियों की समस्त वासनाओं को पूर्ण कर दिया था। उनके गरिमा, दृढ़ता, औदार्य, शौर्य, बुद्धि और अन्य गुणादि इतने विशिष्ट थे कि लगता, उनमें प्रतिस्पर्धा चल रही है। उनका वैभव और अपरिमित सम्पदा उसी भाँति सबके कल्याण के लिए थी जिस प्रकार पथ के दोनों ओर लगे वृक्षों की छाया सबके लिए होती है। राजहंस जिस प्रकार कमल में ही निवास करता है उसी प्रकार उनका मन रूपी हंस पवित्र कमल रूप धर्म में ही निवास करता था। तदुपरांत एक दिन उन्होंने संसार से वितृष्ण होकर अपनी समस्त सम्पदा तृण की भाँति परित्याग कर मुनि सूदर्शन से दीक्षित हो गए। तदुपरान्त उत्तम रूप से व्रत पालन कर बीस स्थानक की आराधना द्वारा तीर्थंकर गोत्र कर्म उपार्जन किया और मृत्यु के पश्चात् अपराजित विमान में उत्पन्न हुए। (श्लोक ३-९) इसी जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में मिथिला नामक एक नगरी थी जहाँ के अधिवासी धर्मदृढ़ थे। स्वर्ण और रत्न जडित प्राकार, प्रासाद श्रेणियाँ एवं विपणियों को देखकर लगता वह धरती की रत्नमंजूषा है। रत्नजड़ित इसके उद्यान बापी चारों ओर स्थित वृक्ष से झरते हुए पराग से कर्दमाक्त रहते थे। शत्रओं पर सदैव विजय प्राप्त करने वाले वहाँ के राजा का नाम था विजय जो कि इन्द्र की भाँति अखण्ड प्रताप से वहाँ शासन कर रहे थे। सामान्य सी भृकुटि चढ़ाए बिना, सैन्यवाहिनी को अस्त्र से सज्जित किए बिना, प्रेम जिस प्रकार तरुण हृदय को वशीभूत कर लेता है उसी प्रकार उन्होंने शत्रुओं के हृदय को वशीभूत कर लिया था। वे समुद्र से गहन, चन्द्र से प्रियदर्शन, वायु की तरह शक्तिशाली और सूर्य-से प्रतापी थे। उनकी अन्तःपुर के अलङ्कार-सी रानी थी वप्रा। शील ही उनका अलङ्कार था। उन्हें देखकर लगता मानो पृथ्वी ने ही रूप धारण कर लिया है। गङ्गा-सी निर्मल और
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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