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________________ [219 श्रेष्ठी के घर भिक्षा के लिए पहुंचे । श्रेष्ठी ने अवज्ञा सहित उन्हें वन्दन किया और मन ही मन सोचा-ये कैसे साधु हैं जो वर्षाकाल में भी विहार करते हैं ? मैं इनसे इसका कारण पूछ। फिर सोचा, नहीं, ऐसे पाखण्डियों के साथ बात करना समय नष्ट करना है। (श्लोक २२२-२२४) श्रेष्ठी की पत्नी ने उन्हें आहार-पानी दिया। वे आहारपानी लेकर द्युति नामक आचार्य के उपाश्रय में गए। आचार्य ने ससम्मान उनकी वन्दना की; किन्तु उनके शिष्य साधुओं ने उन्हें अकाल विहारी समझकर वन्दना नहीं की। धुति आचार्य ने उन्हें बैठने के लिए आसन दिया। उन्होंने आसन पर बैठकर पारणा किया। फिर बोले, 'हम मथुरा से आए हैं पुनः वहीं चले जाएँगे।' ऐसा कहकर वे उड़कर स्व-स्थान पहुंच गए। उनके जाने के पश्चात् आचार्य ने जङ्घाचरण मुनियों के गुणों की प्रशंसा की। यह सुनकर उन अवज्ञा करने वाले साधुओं के मन में पश्चात्ताप हुआ। अर्हदत्त श्रेष्ठी को भी पश्चात्ताप हुआ। श्रेष्ठी कार्तिक शुक्ला सप्तमी को मथुरा गए। वहाँ चैत्य पूजा कर गुफास्थित मुनियों के निकट गए । उन्होंने अपनी अवज्ञा के प्रति मुनियों से माफी मांगी। (श्लोक २२५-२२८) सप्तर्षियों के प्रभाव से मथुरा नगर रोग मुक्त हो गया यह सुन कर शत्रुघ्न कार्तिक पूर्णिमा के दिन मथुरा पहुंचे। उन्होंने मुनियों को वन्दना कर निवेदन किया-'हे महात्मागण ! आप मेरे घर पधार कर अन्न-जल ग्रहण करें ।' प्रत्युत्तर में वे बोले-'साधू के लिए राजपिण्ड ग्रहण योग्य नहीं होता।' (श्लोक २२९-२३२) ___ शत्रुघ्न ने पुनः निवेदन किया, 'हे स्वामिन् ! आपने हम लोगों का वृहद् उपकार किया है। मेरे राज्य में जो दैनिक रोग फैला था, वह आप लोगों के प्रभाव से शान्त हो गया। अतः मुझ पर समस्त प्रजा का अनुग्रह कर कुछ दिन यहाँ और अवस्थान करें। कारण, आप लोगों की तो समस्त प्रवृत्ति ही परोपकार के लिए होती है।' ___ (श्लोक २३३-२३४) मुनियों ने उत्तर दिया, 'वर्षाकाल व्यतीत हो गया है इसलिए अब हम यहाँ से विहार कर तीर्थयात्रा करने जाएंगे। कारण, मुनि एक स्थान पर अवस्थित नहीं रहते । तुम इस नगरी के घर-घर में
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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