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________________ [205 स्वपत्नी के साथ क्रीड़ा करते हुए देखा । उन्हें देखकर पश्चिम मुनि ने यह निदान किया यदि मेरी तपस्या का कोई फल है तो ऐसे ही क्रीड़ा करने वाले राजा के घर मेरा जन्म हो । अन्य साधुओं ने उसे बहुत समझाया; उसने निदान की आलोचना नहीं की । तदुपरान्त यथा समय मृत्यु प्राप्त वह इन्दुमती के गर्भ से पुत्र रूप में उत्पन्न हुआ । उसका नाम हुआ रतिवर्द्धन अनुक्रम से यौवन प्राप्त होने पर रतिवर्द्धन राजा के सिंहासन पर बैठा और अनेक रानियों से परिवेष्टित होकर पिता की भाँति ही क्रीड़ा करने लगा । ( श्लोक २२-२६ ) 'प्रथम नामक मुनि निदान रहित नानाविध तप करने के फलस्वरूप पंचम देवलोक में परम महद्धिक देव रूप में उत्पन्न हुए | अवधि ज्ञान से अपने भाई पश्चिम को कौशाम्बी नगरी में राज्य और क्रीड़ा करते हुए देखा । उसे उपदेश देने के लिए वे मुनि रूप धारण कर उसके पास गए। रतिवर्द्धन ने उन्हें बैठने के लिए आसन दिया । भातृ स्नेहवश उन्होंने उसे अपना और उसका पूर्व भव सुनाया । सुनकर रतिवर्द्धन को जाति स्मरण ज्ञान हुआ । अतः उसने संसार से विरक्त होकर दीक्षा ग्रहण कर ली और मृत्यु के पश्चात् ब्रह्म देव लोक में देव रूप में उत्पन्न हुआ । वहाँ से च्युत होकर तुम दोनों ने भाई रूप में महाविदेह क्षेत्र के विबुध नगर के राजा के घर जन्म ग्रहण किया । वहाँ भी दीक्षा लेकर तपस्या करते हुए मृत्यु के पश्चात् अच्युत देवलोक में उत्पन्न हुए। वहाँ से च्युत होकर प्रतिवासुदेव रावण के दोनों पुत्र इन्द्रजीत और मेघवाहन के रूप में जन्म ग्रहण किया । रतिवर्द्धन की माँ भव- भ्रमण करती हुई तुम्हारी माँ मन्दोदरी बनी।' यह सुनकर कुम्भकर्ण, इन्द्रजीत, मेघवाहन, मन्दोदरी आदि ने दीक्षा ग्रहण कर ली । ( श्लोक २७-३४) फिर राम ने मुनि को नमस्कार किया और धूमधाम के साथ लक्ष्मण और सुग्रीव सहित लङ्का में प्रवेश किया । विभीषण छड़ीदार की भाँति आगे चलते हुए उन्हें राह दिखा रहा था । विद्याधरों की स्त्रियाँ उनकी मङ्गल वन्दना कर रही थी । अनुक्रम से वे पुष्पगिरि के शिखर स्थित उद्यान में जा पहुंचे। वहाँ राम ने सीता को उसी अवस्था में देखा जिसका वर्णन हनुमान ने किया
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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