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________________ [153 धरती पर गिरते वे दोनों दो मुर्गों की तरह लग रहे थे। दोनों समान वीर होने के कारण कोई किसी को पराजित नहीं कर सका। अन्ततः क्लान्त होकर वे दोनों दो बलद की भाँति दूर जाकर खड़े हो गए। __ (श्लोक ७२-७७) सच्चे सुग्रीव ने तब सहायता के लिए हनुमान को पुकारा और फिर से छद्मवेशी सुग्रीव के साथ युद्ध करने लगा; किन्तु हनुमान भी कौन असली, कौन नकली समझ न सकने के कारण चुपचाप खड़े ही रहे और उसी बीच नकली सुग्रीव ने असली सुग्रीव पर खूब जोर से प्रहार किया। इस प्रकार सुग्रीव देह और मन से खिन्न होकर किष्किन्धा त्यागकर अन्यत्र चले गए। अतः नकली सुग्रीव विभ्रान्त मन लिए वहीं रहने लगा; किन्तु बालि-पुत्र के भय से वह अन्तःपुर में प्रवेश न कर सका। (श्लोक ७८.८१) __तब असली सुग्रीव मस्तक नीचा किए सोचने लगा-'मेरी पत्नी पर आसक्त शत्र कटकपट में अत्यन्त चतुर है। तभी तो मेरे अपने अनुचर भी इसके वश में हो गए हैं। यह अपने ही अश्व के द्वारा पराभूत होने की तरह है। माया में शक्तिमान् अपने इस शत्र की मैं कैसे हत्या करू ? पराक्रम में हीन और बाली के नाम को लज्जित करने वाले मुझ कापुरुष को धिक्कार है। महाबलवान् बाली ही धन्य है जिसने पुरुष व्रत को अखण्ड रख तृण की तरह राज्य-परित्याग कर मोक्ष-गमन किया । (श्लोक ८२-८५) __'बालिपुत्र युवराज चन्द्ररश्मि इस समय समस्त संसार में महाबलवान् है; किन्तु वह क्या कर सकता है ? कौन असली कौन नकली, यह समझे बिना वह किसकी सहायता करे, किसे मारे; किन्तु उसने यह ठीक किया कि छद्मवेषी को अन्तःपुर में प्रविष्ट नहीं होने दिया। अब उस बलिष्ठ शत्रु को मारने के लिए किसी सबल पुरुष का आश्रय लेना उचित है। कारण, स्वयं के हाथों हो या अन्य के द्वारा शत्रु का नाश तो होना ही उचित है। इस शत्रु को मारने के लिए तब क्या मैं तीनों लोकों के वीरशिरोमणि मरुत के यज्ञ को नष्ट करने वाले रावण की शरण लू? किन्तु, रावण तो स्वयं ही प्रकृति से लम्पट और जगत् के लिए कंटक है । वह तो मुझे और उसे दोनों को ही मारकर तारा को ग्रहण कर लेगा। ऐसी स्थिति में उग्र बलवान् खर राक्षस मेरी सहायता कर सकता
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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