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________________ 144 'मेरे रहते राम युद्ध करने जाएँ यह उचित नहीं है ।' ऐसा सोचकर लक्ष्मण ने राम से युद्ध में जाने की आज्ञा मांगी। राम बोले, 'वत्स, विजयी हो; किन्तु युद्ध में यदि कोई संकट का समय आए तो मुझे पुकारने के लिए सिंहनाद करना । लक्ष्मण ने यह स्वीकार कर लिया। उन्होंने राम की आज्ञा लेकर धनुष-बाण उठाया और युद्ध के लिए चल पड़े। वहाँ जाकर शत्रु सैन्य का उसी प्रकार हनन करने लगे जिस प्रकार गरुड़ सर्प को विनष्ट करता है । ( श्लोक ४१३- ४१५) जब युद्ध जोर पकड़ने लगा तो अपने पति के पक्ष को प्रबल करने के लिए चन्द्रनखा रावण के निकट गई और बोली, 'भाई, राम और लक्ष्मण दो अज्ञात पुरुष दण्डकारण्य में आए हैं । उन्होंने तुम्हारे भानजे को मार डाला है । यह सुनकर तुम्हारे बहनोई खर स्व-सैन्य लेकर वहाँ गए हैं और लक्ष्मण के साथ युद्ध कर रहे हैं। राम अनुज और अपने बल के गर्व पर स्वतन्त्र रूप से बैठे अपनी पत्नी सीता के साथ विलास कर रहे हैं। सीता तो स्त्रियों के रूपलावण्य की चरम सीमा है । उसके जैसी तो न कोई देवी, न कोई नागकन्या, न कोई मानवी है । वह तो एकदम अनन्य है । उसका रूप तो सुर-असुरों की स्त्रियों को दासी बनाने लायक है । उसका रूप तीनों लोक में अनुपम और अवर्णनीय है । भाई, इस समुद्र से द्वितीय समुद्र तक तुम्हारा अधिकार है । अतः पृथ्वी के समस्त रत्न तुम्हारे अधिकार में है । एतदर्थ रूप सम्पत्ति से सबकी दृष्टि को अनिमेषकारिणी उस स्त्री रत्न को तुम ग्रहण करो । यदि तुम ग्रहण नहीं कर सके तो तुम रावण नहीं हो ।' ( श्लोक ४१६-४२३) यह सुनकर रावण ने उसी मुहूर्त में पुष्पक विमान में बैठकर आदेश दिया - हे विमानराज ! जहाँ सीता है, तुम मुझे शीघ्र वहाँ ले चलो।' सीता के निकट जाने की रावण के मन में जो इच्छा थी, उसी की स्पर्द्धा करता हुआ वह विमान द्रुतवेग से वहाँ पहुंचा जहाँ सीता अवस्थित थी । वहाँ उग्र तेज सम्पन्न राम को देखकर उसी प्रकार दूर जाकर खड़ा हो गया जिस प्रकार अग्नि को देख कर सिंह दूर खड़ा हो जाता है । सोचने लगता है कि सिंह सामने पड़ने पर भी बाढ़ विक्षुब्ध नदी को पार करना जिस प्रकार दुष्कर
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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