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२२ शलाका पुरुषों में ५ अर्हत्, ५ बलदेव, ५ वासुदेव, ५ प्रतिवासुदेव और दो चक्रवर्तियों का जीवन विवरण दिया गया है, यह आपके कल्याण के लिए हो । कुछ सूत्र से, कुछ आख्यान से, कुछ योग पर अर्थात् गुरु शिष्य परम्परा प्राप्त विषय बर्णित हुआ है । यदि इसमें कोई भूल-भ्रान्ति हो तो, हे सुजन, वह मन्द कर्म की भाँति निष्फल हो । ( श्लोक ४०५-४०६ )
सप्तम सर्ग समाप्त
चतुर्थ पर्व समाप्त
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