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________________ 72] मति श्रति अवधि और मनपर्यव ज्ञान से आप उसी तरह सुशोभित हैं जिस प्रकार चार महासमुद्र से पृथ्वी शोभित है। हे प्रभु, क्रीड़ा मात्र में पाप कर्मक्षय कर सकते हैं। आपने जिस परिकर को धारण कर रखा है वह अन्यों को मार्ग दिखाने के लिए है। हे भगवन्, मैं यह मानता हूं कि आप समस्त प्राणियों की एक अन्तरात्मा हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो आप उनके अद्वितीय सुखों के लिए क्यों प्रयत्न करते ? आप दयारूपी जल से परिपूर्ण हैं । पाप कर्दम की तरह कषाय परित्याग कर कमल की भांति निर्लेप और शुद्ध प्रात्मा युक्त हो गए हैं। जब आप राज्य कर रहे थे तब भी न्यायाधीश की तरह आप में अपने-पराए का भेदभाव नहीं था। तब जबकि अब समभावों का अवसर पाया है तब आपने जिस समताभाव को प्राप्त किया है उसके विषय में क्या बोला जा सकता है ? हे भगवन, आपका वर्षीदान तो तीन लोक के अभयदान रूपी वृहद् नाटक की प्रस्तावना मात्र है ऐसा मैं कहता हूं। वह देश, वह नगर, जनपद, वह ग्राम धन्य होगा जहाँ मलयानिल-से प्रसन्न करने वाले आप विचरण करेंगे। (श्लोक २७९-२८७) इस प्रकार स्तुति कर प्रभु को भक्तिपूर्वक नमस्कार कर अश्रु भरे नयन से राजा सगर धीरे-धीरे अपने नगर को लौट गए। (श्लोक २८८) दूसरे दिन प्रभु ने राजा ब्रह्मदत्त के घर खीर खाकर तीन दिनों के उपवास का पारणा किया। उस समय देवताोंने राजा ब्रह्मदत्त के घर साढ़े बारह करोड़ सुवर्ण मुद्राएं एवं हवा में आन्दोलित लता-पल्लवों की शोभा को हरने वाले उत्कृष्ट वस्त्रों की सृष्टि की। आकाश में इस प्रकार की गम्भीर दुदुभि बज उठी जैसे ज्वार के समय समुद्र गर्जन करता है । चारों ओर प्रव्रजनकारी प्रभु के यश रूपी स्वेद जल का भ्रम उत्पन्न करने वाले सुगन्धित जल की वृष्टि की और चारों ओर मित्र की तरह भ्रमर परिवेष्टित पंचरंगी फूलों की वृष्टि की। फिर अहोदान, अहोदान, ऐसे शब्दों का उच्चारण करते हुए मानन्दमना-देवगण उच्च स्वर से जय-जय शब्द करते हुए आकाश में जाकर बोलने लगे-देखो, प्रभु को प्रदत्त श्रेष्ठ दान का फल देखो। इसके प्रभाव से दाता उसी समय वैभव सम्पन्न तो हो ही जाता है; किन्तु उससे भी बड़ी बात यह है कि
SR No.090514
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size16 MB
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