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________________ चालुक्य-कुलोत्पन्न कुमारपाल राजर्षि ने एक समय प्राचार्य हेमचन्द्र सूरि से विनयपूर्वक कहा-"हे स्वामिन् ! निष्कारण परोपकार की बुद्धि को धारण करने वाले आपकी आज्ञा से मैंने नरक गति के आयुष्य के निमित्त-कारण मृगया, जुना, मदिरा आदि दुगुणों का मेरे राज्य में पूर्णत: निषेध कर दिया है तथा पुत्ररहित मृत्यु प्राप्त परिवारों के धन को भी मैंने त्याग दिया है तथा इस पृथ्वी को अरिहंत के चैत्यों से सुशोभित एवं मण्डित कर दिया है । अतः वर्तमान काल में आपकी कृपा से मैं संप्रति राजा जैसा हो गया हूं। मेरे पूर्वज महाराजा सिद्धराज जयसिंह की भक्तियुक्त प्रार्थना से आपने पंचांगीपूर्ण 'सिद्धहेम शब्दानुशासन' की रचना को । भगवन् ! आपने मेरे लिए निर्मल 'योगशास्त्र' की रचना की और जनोपकार के लिए व्याश्रव काव्य, छन्दोनुशासन, काव्यानुशासन और नामसंग्रह कोष, प्रमुख अन्य ग्रन्थों की रचना की। अतः हे प्राचार्य ! आप स्वयं ही लोगों पर उपकार करने के लिए कटिबद्ध हैं। मेरी प्रार्थना है कि मेरे जैसे मनुष्य को प्रतिबोध देने के लिए 63 शलाकापुरुषों के चरित पर प्रकाश डालें ।" इससे स्पस्ट है कि राजषि कुमारपाल के आग्रह से ही प्राचार्य हेमचन्द्र ने इस ग्रन्थ की रचना उनके अध्ययन हेतु की थी। पूर्वांकित ग्रन्थों की रचना के अनन्तर इसकी रचना होने से इसका रचनाकाल विक्रम संवत् 1220 के निकट ही स्वीकार्य होता है। यह ग्रन्थ हेमचन्द्राचार्य की प्रौढ़ावस्था की रचना है और इस कारण इसमें उनके लोकजीवन के अनुभवों तथा मानस स्वभाव की गहरी पकड़ की झलक मिलती है। यही कारण है कि काल की इयत्ता में बंधी पुराण कथाओं में इधर-उधर बिखरे उनके विचारकरण कालातीत हैं । यथा-“शत्रु भावना रहित ब्राह्मण, बेईमानी रहित वणिक्, ईर्ष्या रहित प्रेमी, व्याधि रहित शरीर, धनवान-विद्वान्, महङ्कार रहित गुणवान, चपलता रहित नारी तथा चरित्रवान् राजपुत्र बड़ी कठिनाई से देखने में आते हैं।" श्री गणेश ललवानी इस पुस्तक के अनुवादक हैं । ये वहुविध विधाओं के सफल शिल्पी हैं। उन्होंने इसका बगला भाषा में अनुवाद किया था और उसी का हिन्दी रूपान्तरण श्रीमती राजकुमारी बेगानी
SR No.090514
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size16 MB
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