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________________ [33 वहां प्रायीं । पूर्व की भांति वे परिवार सहित सूतिकागृह गयीं एवं भगवान् और उनकी माता को प्रणाम कर तीन प्रदक्षिणा और निजपरिचय देकर पूर्ववत् नमस्कार-स्तुति कर हाथ में रत्नों का दर्पण लिए पूर्व दिशा की ओर खड़ी हो गयीं और गीत गाने लगीं । ( श्लोक १९९-२०१) दक्षिण रुचकाद्रि पर रहने वाली अलंकार, दिव्य वस्त्र श्रौर मालाधारिणी समाहारा, सुप्रदत्ता, सुप्रबुद्धा, यशोधरा, लक्ष्मीवती, शेषवती, चित्रगुप्ता श्रौर वसुन्धरा नाम्नी आठ दिक्कुमारियां पूर्वानुरूप परिवार सहित प्रभु के मन्दिर में आयीं और स्वामिनी को प्रदक्षिणा देकर नमस्कार कर उन्हें अपना परिचय दिया । फिर भगवान् और उनकी माता के दाहिनी प्रोर हाथ में कलश लेकर खड़ी हो गयीं और मधुर शब्दों में मंगल गीत गाने लगीं । ( श्लोक २०२ - २०५ ) पश्चिम रुचकाद्रि निवासकारिणी प्राठ दिक्कुमारियां पूर्वानुरूप परिवार सहित वहां आयीं । उनके नाम इलादेवी, सुरादेवी, पृथ्वी, पद्मावती, एकनासा, नवमिका, भद्रा और सीता थे । ये भी पूर्व देवियों की तरह अपना परिचय व प्रदक्षिणा देकर जिन और जिनमाता के पश्चिम और हाथ में सुन्दर पंखे लेकर खड़ी हो गयीं और गीत गाने लगीं । ( श्लोक २०६-२०८ ) उत्तर रुचकाद्रि पर रहने वाली प्रलंबुसा, मिश्रकेशी, पुण्डरिका, वारुणी, हासा, सर्वप्रभावा, श्री प्रौर ही नामक आठ दिक्कुमारियां पूर्वदिक्कुमारियों की तरह परिवार सहित वहां आयीं और अपना परिचय देकर प्रदक्षिणापूर्वक भगवान् और उनकी माता को नमस्कार कर हाथ में सुन्दर चँवर लेकर उत्तर दिशा की ओर खड़ी हो गयीं और गीत गाने लगीं । ( श्लोक २०९ - २११ ) विदिक रुचकाद्रि पर रहने वाली चित्रा, चित्रकनका, सुतेरा और सौतामणी नामक चार दिक्कुमारियाँ वहां आयीं और प्रदक्षिणा पूर्वक जिनेश्वर और उनकी माता को नमस्कार कर अपना-अपना परिचय देकर दोनों का विपुल गुरणगान करती हुई हाथ में प्रदीप लेकर ईशान कोण में जाकर खड़ी हो गयीं । (श्लोक २१२-२१४) रुचक द्वीप के मध्य भाग में रहने वाली रूपी, रूपांशिका, सुरूपा और रूपकावती नामक चार दिक्कुमारियां भी पूर्व की भांति ही सपरिवार वृहद् विमान में बैठकर अर्हत् के जन्म नगर में आयीं। पहले
SR No.090514
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size16 MB
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