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________________ २०६] सत्कारपूर्वक उन्हें विदा किया। फिर वे मानो हिमालय के शिखर हों या शत्रु के मनोरथ हों ऐसे अपने रथ को प्रत्यावर्तित किया। (श्लोक ४६०-४७६) वहां से ऋषभपुत्र ऋषभकूट गए । हस्ती जैसे दन्त द्वारा पर्वत पर आघात करता है उसी प्रकार उन्होंने अपने रथ के अग्रिम भाग द्वारा तीन बार ऋषभकूट पर्वत पर आघात किया। फिर सूर्य जैसे किरण-कोष को ग्रहण करती है उसी प्रकार चक्रवर्ती ने रथ वहीं ठहरा कर कांकिणी रत्न ग्रहण किया और कांकिणी रत्न द्वारा पर्वत के शिखर पर लिखा-अवसर्पिणी काल के तृतीय पारे के शेष भाग में मैं भरत नामक चक्रवर्ती हुआ हूं। ऐसा लिखकर वे अपनी छावनी में लौट आए और इसके लिए जो अष्टम तप किया था उसका पारना किया। फिर हिमालयकुमार की तरह ऋषभकूट पति के लिए भी चक्रवर्ती के वैभवानुरूप अष्टाह्निका महोत्सव किया। ___ (श्लोक ४७७-४८१) गंगा और सिन्धु नदी का भू-भाग में जैसे समा नहीं रहा है ऐसे आकाश में उछलने वाले अश्वों से, सैन्य भार से प्रपीड़ित धरती को मद जल से सिंचित करने की इच्छा रखता है ऐसे मदजल प्रवाही हस्तियों से, कठोर रथ चक्र की रेखाओं से, पृथ्वी को अलंकृत करता हो ऐसे उत्तम रथों से और नराद्वैत (मनुष्य के सिवाय और कुछ नहीं) ऐसी स्थिति प्रतिपन्नकारी अद्वितीय पराक्रमशाली पृथ्वी व्याप्त कोटि-कोटि पदातिकों से परिवृत चक्रवर्ती महावत की इच्छानुसार गमनकारी हाथी की तरह चक्र के पीछे वैताढ्य पर्वत पर पाए और उस पर्वत के उत्तर भाग में जहाँ शबर रमरिणयाँ प्रादीश्वर का अनिन्दित गीत गाती है वहां छावनी डाली। वहाँ अवस्थान कर उन्होंने नमि और विनमि नामक विद्याघर के पास दंडयाचनाकारी तीर निक्षेप किया। तीर देखकर वे दोनों विद्याधरपति क्र द्ध हए और परस्पर विचार करने लगे। एक बोला-'जम्बूद्वीप के भरत खण्ड में ये भरत राजा प्रथम चक्रवर्ती हुए हैं। ये ऋषभकूट पर्वत पर चन्द्र बिम्ब की भाँति अपना नाम अंकित कर लौटते समय हमारे यहाँ पाए हैं। हस्ती के प्रारोहक की तरह इन्होंने वैताढय पर्वत के पार्श्व में छावनी डाली है। इन्होंने सर्वत्र जय लाभ किया है। इन्हें अपने बाहुबल पर अभिमान हो गया है। ये हमलोगों को भी जीतना
SR No.090513
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1989
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size24 MB
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