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पिछोकसार
पापा : ५६१
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नोट-इस जम्बूदीपके उपर्युक्त चित्रण में सुदर्शनमेरु के- xx=३६. प्रकृत्रिम चैत्यालय ५ मेरु संबंधी हुए घार वनों में स्थित १६ अकृत्रिम जिनमंदिर
अत:३४ विजयाओं में , ४ . . "
पंच मेच सम्बन्धी ३९० अकृत्रिम चैत्यालय हैं
चार इष्वाकाए के ४ .चंत्या गाथा५१२ १६ वक्षार पर्वतों पर १६ . . .
मानुषोत्तर , ४ . . ६४० ४ वणवंती पर्वतों पर, ४ . . . नन्दीश्वर . ५२ . . . ९७३ कुलाचलो, .६
, " रुघगिरि ४ .. .९४७ गंबू शाल्मलि र वृक्षों , २ . . . हैं कुपहलगिरि ४ ५ - ९४४ ७५ एक मैक सम्बन्धी अकृत्रिम जिनमन्दिर हैं। । ४५८ नरतियंग्लोकके सम्पूर्ण अ. चंत्यालय।