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पाषा: १७३ छोकसामान्याधिकार
Iue xge -(yxx1) = ( 1290०-11x=18- ६६६८, पोजन या १ कोश या २००० ६४ मघवी पृथ्वी में श्रेणीबद्ध बिलों का ऊध्वं अन्तराल है।
___x-(ixx1) -(22) x = १११६९९६ योजन या व कोश या ७५०० दण्ड ( धनुष ) मघवी पृथ्वी में प्रकीर्णक बिलों का ऊर्ध्व अन्तराल है।
सातों पृश्वियों के बिलों का ऊर्च अन्तराल
क्रमांक
| पृथ्वियां
इन्द्रक बिलों का अध्र्व | श्रेणीबद्ध बिलों का ऊवं | प्रकीर्णक बिलों का गर्व अन्तर अन्तर
अन्तर
धम्मा
वंशा
मेधा
६४६६ योजन REET योजन ३२४६ योजन ३६६५ २ योजन ४४६६ योजन ६६६८ योजन
६४६६ योजन REET योजन ३२४६ ३ योजन ३६६५३१ योजन ४४९८३ योजन ६६६८ ३ योजन
६४९९ १ योजन २६६६६. योजन ३२४९ १ योजन ३६६४ ३ योजन ४४६७१ योजन ६९९६ १ योजन
अजना
अरिणा
मघवी
माधवी
अथोपरिमाधस्तनपटलयोरन्तर निरूपयति
उपरिमपच्छिमपहला हिडिमपदमिन्लपत्थरंतरयं । रज्जू तिम्रहस्मणिदधम्मा वंसुदयपरिहीणा ॥१७३।।
उपरिमपश्चिमपटलात अधस्तनप्रथमप्रस्तरान्तरका।
रज्जुः त्रिसहनोनितघर्मा वंशोदयपरिहीना ॥१३॥ जरिम । उपरिमपश्चिमपटलाव अषस्तनप्रषमपटलान्तरमा रक्यु: सा कपम्मूता ? धर्मोपरिममित्राप्तम्बसधर्मापश्चिमपटलापस्तमसहन' बंधाप्रथमपालोपरितनसहसमिति त्रिसहनोनितधर्मा १०००. शो ३२००० ६५ २१२००० परिहीमा मात - २०६००० ॥१३॥