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________________ विद्वानोंसे सेवित चरणवाले श्री मूलसेन वृषभवश, पुष्करगच्छकी विरुदावली में विराजमान गुणभद्र भट्टारक हुए ||३८|| उनके पट्टरूपी उदयाचलके सूर्य कर्नाटक देशमें स्थापित किये गये धर्म की अमृतवर्षासे मेघ के समान कठोर तपस्या करनेमें निपुण श्री वीरसेन भट्टारक हुए ||३९|| अभिमानरहित तपस्यासे नष्ट रागवाले. अंगादि विविध ग्रन्थ रचने के पडत्य गर्वसे युक्त श्रीयुक्त वीर भट्टारक हुए ||४०|| उनके पट्टमें सर्वज्ञदेवके वचनामृतके स्वादसे सच्चे धर्मरूपी समुद्रको बढ़ानेके लिये चन्द्रमाके समान अपने शरीरको कर्कश तसे कमलके समान बनानेवाले तथा मदनको मथन करनेसे त्रिविध वैराग्यको प्रकट करनेवाले, भावी भाग्यशाली जनोंसे पूजित श्री माणिकसेन भट्टारक हुए ॥४१॥ इनके पट्टरूपी उदयाचलपर सूर्यके समान, अनेक शब्द, अर्थ तथा अन्वयका निश्चय करनेवाले, विद्वज्जन- सरोजके प्रस्फुटित करनेमें अत्यन्त पटु श्री गुणसेन भट्टारक हुए ||४२॥ इसके बाद सभी विद्वज्जनोंसे पूजित पादपद्मवाले और भव्यजनोंके चित्तसरोजमें लक्ष्मी के समान निवास करनेवाले श्री लक्ष्मीसेन भट्टारक हुए ॥४३॥ देवता तथा विविध जनोंके मनकुमुदको प्रकाशित करने में पूर्ण चन्द्रमाके समान, काव्य, न्याय, शास्त्रार्थ तथा वाग्मिता चतुविध पाण्डित्य कलासे विराजमान, यम, नियम और तपोबलसे साधित धर्मके भारको धारण करनेवाले और सभीको सुखसम्पन्न करनेवाले श्री सोमसेन भट्टारक हुए ||४४|| मिथ्यामतके तमका निवारण करनेवाले, माणिक्यरत्न तथा रत्नत्रयसे युक्त श्री माणिक्यसेन भट, टारक हुए ॥४५॥ आशीविष सर्पके लिये दुष्ट कर्कश महोरगके समान, मत्त हस्तीके लिये सिंहके समान तथा अनेक राजाओंसे पूजित चरणकमलवाले श्री गुणभद्र भट्टारक हुए । उन्हींके पट, टपर जनरूपी कुमुदवनको विकसित करनेके लिये पूर्ण चन्द्रोदयके समान, सुन्दर विलाससे विनोदित त्रिभुवन स्थित विबुध-समूह के लिये चन्द्रमाकी किरणोंके समान, यशोधरसे दिङ्मण्डलको भी उज्ज्वल करनेवाले श्रीमान् अभिनव सोमसेन भट्टारक हुए ॥४७॥ उनके पद टपर महामोहान्धकारसे ढके हुए, संसारके जनसमूहको दुस्तर कैवल्यमार्गको प्रकाशित करनेमें दीपकके समान, दुर्द्धर्ष नेयायिक कणाद और पट्टावली ४२९
SR No.090510
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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