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________________ १७वीं से २१वीं सन्धि तककी पुष्पिकाओंमें 'इय सिरिचन्दमुणीन्दकए'(इति श्रीचन्द्रमुनिकृस) उल्लेख मिलता है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि 'दंसणकहरयणकरंडु' की १६वीं सन्धिकी रचना तक श्रीचन्द्र श्रावक थे, पर इसके पश्चात् उन्होंने मुनि-दीक्षा ग्रहण की होगी। अतएब उन्होंने 'दसणकहरयणकरंडु' की अवशिष्ट सन्धियाँ और कथाकोशको रचना मुनि अवस्थामें को है। श्रीचन्द्रका व्यक्तित्व श्रावक और श्रमण दोनोंका समन्वित रूप है। कवित्वके साथ उनकी व्याख्यानशैली भी मनोहर थी। श्रीचन्द्र राजाश्रयमें भी थे । श्रीमालपुर और अणहिल्लपुरके साथ उनका निकटका सम्बन्ध था । रचनासे यह भी ज्ञात होता है कि श्रीचन्द्र मनुष्यजन्मको दुर्लभ समझ दिगम्बर दीक्षामें प्रवृत्त हुए थे। मनुष्यजन्मको दुर्लभताके लिए उन्होंने पाशक, धान्य धूत, रत्नकथा, स्वप्न, चन्द्रकवेध, कूर्मकथा, युग्म और परमाणुको दृष्टान्तकथाएं उपस्थित की हैं, जिससे उनका अध्यात्मप्रेमप्रकट होता है। कविके आख्यानको इस शैलोसे यह भी ध्वनित होता है कि वे संसारमें धर्म पुरुषार्थको महत्त्व देते थे। स्थितिकाल कवि श्रीचन्द्र ने 'दसणकहरयणकरंडु'को प्रशस्तिमें उसके रचनाकालका निर्देश किया है। बताया है एयारह-तेवीसा वाससया विक्कमस्स परवइणो । जइया गया हु तइया समाणियं सुंदरं कन्वं ॥१॥ कण्ण-रिंदहो रज्जेसहो सिरिसिरिमालपुरम्मि । बुह-सिरिचंदें एउ किउ गंदउ कव्वु जयम्मि ।।२।। अर्थात् वि० सं० ११२३ व्यतीत होनेपर कर्ण नरेन्द्र के राज्य में श्रीमालपुरमें विद्वान् श्रीचन्द्रने इस 'दसणकहरयणकरंडु' काव्यको रचना की। यह कर्ण सोलंकीनरेश भीमदेव प्रथमके उत्तराधिकारी थे और इन्होंने सन् १०१४से ई० सन् १०९४ तक राज्य किया है। अतएव कविने ई० सन् १०६६में उक्त ग्रंथकी रचना की है, जो कर्णके राज्यकालमें सम्पन्न हुई है। __ श्रीमाल अपरनाम भीनमाल दक्षिण मारवाड़की राजधानी थी । सोलंकीनरेश भीमदेवने सन् १०६० ई० में वहाँके परमारवंशी राजा कृष्णराजको पराजितकर बंदोमूहमें डाल दिया और भीनमालपर अधिकार कर लिया । उनका यह अधिकार उनके उत्तराधिकारी कर्णतक स्थिर रहा प्रतीत होता है। आचार्यतुल्य काव्यकार एवं लेखक : १३३
SR No.090510
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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