SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 84
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ यशस्तिलकके ही निम्नलिखित पद्यसे भी सोमदेव और महेन्द्रदेवके सम्बन्धकी अभिव्यञ्जना होती है सोऽयमाशापितयशः महेन्द्रामरमान्यधीः । देवात्ते सततानन्द वस्त्वभीष्टं जिनाधिपः || अब विचारणीय है कि मानका सम्बन्ध किस भहेन्द्रदेवक साथ घटित होता है। कन्नौजके इतिहासमें महेन्द्रदेव या महेन्द्रपाल नामके दो राजा हए हैं। महेन्द्रपालदेव प्रथमका समय ई० सन् ८८५ से ई० सन् ९०७ तक माना जाता है। यह महाराज भोज ( ई० सन् ८३६-८८५) के पश्चात् राजगद्दीपर आसीन हुआ था । महाकवि राजशेस्तरको बालकविके रूपमें इसका संरक्षण प्राप्त था | राजशेखर त्रिपूरीके यवराज द्वितीयके समय ( ई० सन १९० ) लगभग ९० वर्षकी अवस्था में विद्यमान थे। सोमदेवने अपने यशस्तिलकमें महाकवियोके उल्लेखके प्रसंगमें राजशेखरको अन्तिम महाकविको रूपमें निर्दिष्ट किया है । यशस्तिलकको सोमदेवने १५९ ई० में समाप्त किया है। यदि राजशेखरको सोमदेवसे ८-१० वर्ष भी बड़ा भाना जाय, तो राजशेखरको सोमदेव द्वारा महाकवि' कहा जाना ठीक प्रतीत होता है। इस प्रकार सोमदेवका आविर्भाव ई० सन् १०८ के आसपास होना चाहिए, क्योंकि महेन्द्रपाल प्रथमकी समसामयिकता तथा नीतिवाक्यामृतके रचे जाने का आग्रह घटित नहीं होता है। इस कारण महेन्द्रपालदेव प्रथमके साथ सोमदेवका सम्बन्ध नहीं हो सकता है। महेन्द्रपार देव द्वितीयका समय ई० सन् ९४५-४६ माना गया है। सोमदेव इस समय सम्भवतः ३५-३६ वर्षके रहे होंगे। अतएव महेन्द्रपालदेव द्वितीय और सोमदेवके पारस्परिक सम्बन्ध काल-सम्बन्धी कठिनाई नहीं है । स्थिति-काल सोमदेवका समय सुनिश्चित है। इन्होंने यशस्तिलकमें उसका रचना-समय शकसंवत् ८८१ ( ई० सन् ९५९ ) दिया है । लिखा है-- "चैत्रशुक्ला त्रयोदशी शकसंवत् ८८१ ( ई० सन् ९५९ ) को, जिस समय कृष्णराजदेव पांड्य, सिंहल, चोल, चेर आदि राजाओंको जीतकर मेलपाटी नामक स्थानके सेना-शिविरमें थे, उस समय उनके चरणकमलोपजीवी सामन्त १. यशस्तिलक, १।२२० । 7. Thege of Imperial Kanauji p. 33. ३. यशस्तिलक, उत्तरार्ष, १० ११३ । %. The Age of Imperial Kunauj p-37. ७२ : तीर्थकर महावीर और उनको आचार्य परम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy