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________________ "संवत् १५८१ श्रावण सुदि ५ भ० रत्नकोतिजी गृहस्थ वर्ष ९, दीक्षा वर्ष ३१, पट्ट वर्ष २१ मास ८ दिवस १३, अन्तर दिवस ५ सर्व वर्ष ६१ मास ८ दिवस १८ पट्ट दिल्ली।" तीसरे रत्नकीर्ति भट्टारक देवेन्द्रकीतिके शिष्य हैं। इनका समय विक्रम संवत् १९५३ के पूर्व है, क्योंकि रत्नकोतिका स्वर्गवास अचलपुरमें वि० सं० १९५३में हो चुका था। चौथे रलकीति धर्मचन्द्रके शिष्य हैं। भद्रारक सम्प्रदाय ग्रन्थ में धर्मचन्द्रका भट्टारक काल वि० सं० १२७१-१२९६ और भट्टारक रत्नकीर्तिका वि० सं० १२९६-१३१० माना है। रत्लकीति वि० सं० १२९६ भाद्रपद कृष्णा त्रयोदशीको पट्टारूढ़ हुए थे 1 ये १४ वर्ष तक पट्टपर आसीन रहे । ये हूँवड जातिके थे और अजमेरके निवासी थे। ___ पांचवें रलकीति लक्ष्मीसेनके गुरु हैं । छठे रत्नकीति सुरेन्द्रकोतिके शिष्य हैं । ये वि० सं० १७४५ में पट्टाधीश हुए। इनका गोधा गोत्र था और काला डहराके निवासी थे । सातवें रत्नकीर्ति ज्ञानकोतिके शिष्य हैं। ये बलात्कारगणभानपुर शाखाके आचार्य हैं। इन्होंने वि० सं० १५३५ में नवर्गांवम दीक्षा ग्रहण की थी। "रत्नकीति हता तेणे सं० १५३५ वर्षे श्रीनोगामे दीक्षा लीधी हती त्यारे रत्नकोतिने भट्टारक पदवी आपवानु स्थापन करी । __ आठवें रत्नकोति ललितकीतिके शिष्य हैं। ललितकीतिक दो शिष्य थेधर्मकीर्ति और रत्नकीर्ति । धर्मकीर्ति वि० सं० १६४५ से १६८३ तक पट्टपर आसीन रहे हैं। एक यन्त्र अभिलेखमें ललितकीतिके पट्टपर मण्डलाचायं रत्लकीतिके आसीन होनेका संकेत प्राप्त होता है । यन्त्र अभिलेखमें बताया है-- “संवत् १६७५ पोह सुदि ३ भौमे श्रीमूलसंधे भ० ललितकीति तत्प मंडलाचार्य श्रीरलकीर्ति तत्पट्टे आचार्य श्रीचन्द्रकीति उपदेशात् साहु रूपा भार्या पता..||" xx "संवत् १६८१ वरषे चैत्र सुदी ५ रवी श्रीमूलसंघे भ० श्रीललितकीर्ति तत्प? मंडलाचार्य श्रीरत्नकीति तत्पट्टे आचार्य चंद्रकीर्तिस्तदुपदेशात गोलापूर्वान्वये खागनाम गोत्रे सेठीभानु भार्या चन्दनसिरी"||" १. वही, लेखांक २७७ । २. ऐतिहासिक पत्र, जैन सिद्धान्त भास्कर, भाग १३, पृ० ११३ । ३. भट्टारक सम्प्रदाय, लेखांक ५३९, ५४० । प्रबुजाचार्य एवं परम्परापोषकाचार्य : ४३५
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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