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________________ माने जानेवाले अर्थ एवं आलोककी सोपपत्तिक समीक्षा की है। प्रमाणका फल और उसका प्रमाणसे कथञ्चित् भिन्नभिन्नत्व सिद्ध किया गया है। बौद्धके अविसंवादी ज्ञानको समालोचना कर उसे व्यवसायात्मक स्वीकार किया है। ज्ञानके अस्वसंवेदी-स्वसंवेदी मतोंपर भी विचार किया है। प्रमेयतत्त्वमें सांख्योंते सामान्यका, गौड के विशेष लक्ष शेशिदोंने परस्पर निरपेक्ष सामान्यविशेषोभयका और वेदान्तियोंके परमब्रह्मका विस्तारपूर्वक परीक्षण किया है । बौद्धोंके निर्विकल्पक प्रत्यक्षकी भी आलोचना की है। प्रमेयको सामान्य-विशेषात्मक सिद्ध किया गया है। यह लघुकाय ग्रन्थ प्रमाण और प्रमेप सम्बन्धी विषयोंकी दृष्टिसे विशेष उपादेय है। मलयकीर्ति मलयकोति नामके दो भट्टारकोंका उल्लेख प्राप्त होता है । एक मलयकीर्ति भट्टारक यशःकीतिके शिष्य हैं । इनके सम्बन्धमें यन्त्रलेख और मूर्तिलेख उपलब्ध हैं। इन्होंने वि०सं० १५०२में एक यन्त्र' तथा वि०सं० १५१०में एक मूर्ति स्थापित की थी। इन मलयकोतिके पश्चात् गुणभद्र भट्टारक हुए। इनके आम्नायमें अग्रवाल जिनदासने सं० १५१०में डूंगरसिंहके राज्यकालमें समयसारकी एक प्रति लिखवायी। सं० १५१२में गुणभद्रने पञ्चास्तिकायकी एक प्रति ब्रह्मधर्मदासको दी। दूसरे मलयकीति भट्टारक धर्मकीतिके शिष्य हैं। धर्मकीतिके तीन शिष्य हुए-हेमकीति, मलयकीति और सहस्रकीर्ति । ये तीनों ही गुजरात प्रदेशमें विहार करते रहे। मलयकीर्तिके पट्टशिष्य नरेन्द्रकोर्ति हुए। इन्होंने कलबुरगाके पिरोजसाहको सभामें समस्यापूर्ति करके जिनमन्दिरका जीर्णोद्धार करानेकी अनुज्ञा प्राप्त की तथा प्रस्तरीमें राजा बैजनाथसे सम्मान पाकर पाश्र्वनाथमन्दिरमें सहस्रकूट-जिनमन्दिरकी स्थापना की। १. संवत् १५०२ वर्षे कातिक सुदि ५ भोमदिने श्रीकाष्ठासंघभ. श्री गुणकीतिदेवाः तत्प? श्रीयशकीतिदेवाः तत्पट्ट धीमलकीतिदेवान्वये साहु बरदेवा तस्य भार्या जैणी। भट्टारक सम्प्रदाय, आभ० ५६३ । २. संवत् १५१० माघ सुदि १३ सौमे श्रीकाष्ठासंघे आचार्य मलयकोतिदेवाः तयो प्रति ष्टितम् । भट्टारक सम्प्रदाय, लेखांक ५६४ । ३. वही, लेखांक ५६५ । ४. वही, लेखांक ५६६ । ५, वही, लेखांक ६४० । ४२८ : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्यपरम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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