SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 366
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आदोश्वरफाग--फागसम्बन्धी हिन्दीको रचनामोंमें इस कृतिका विशिष्ट स्थान है। इस कृतिमें आदितीर्थकरका जीवनचरित वर्णित है। आरम्भका अंश संस्कृतमें लिखा गया है और अवशिष्ट हिन्दीमे । २३९ पद्य संस्कृतमें लिखे गये हैं और शेष २६२ हिन्दीमें। समस्त पद्योंकी संख्या ५०१ है। तीर्थकर आदिनाथका जन्म, शैशवावस्था और युवावस्थाका सांगोपांग चित्रण किया गया है। नीलाञ्जनाके नत्य करते समय विलीन हो जाने के कारण आदिनाथ संसारसे विरक्त हो जाते हैं। कविने इस घटनाका सजीव चित्रण करते हुए लिखा है-- आहे धिग-धिग इह संसार, बेकार अपार असार । नहीं सम मार समान कुमार, रमा परिवार ।। आहे घर पुर नगर नहीं निज रज सम राज अकाज । ह्य गय पयदल चल मल सरिखड नारि समाज ॥ आहे आयु कमल दल सम चंचल चपल शरीर । यौवन धन इच अथिर करम जिय करतल नोर ।। आहे भोग वियोग समन्तित रोग तण घर अंग। मोह महा मुनि निदित निदित नादीय संग ।। आहे छेदन भंदन वेदन दोठोय नरग मझारि। भामिनी भोग तणइ फलि तउ किम बांधइ नारि ।। पोसहरास-यह व्रतविधानके महात्म्यपर आधारित रास है। भाषा एवं शैलीकी दटिसे इसमें रासोकाव्य जेसी सरसता और मधुरता पायी जाती है। कविने कृतिके अन्तमें अपना नामांकन किया है-- वारि रमणियमुगतिज सम अनुप सुख अनुभव ! भव म कारि पुनरपि न यावइ इह बू फलजस गमइ ।। ते नर पोसह कान भावइ एणि परि पोसह धरइज नर नारि सुजण । ज्ञान भूषण गुरु इम भणइ, ते नर करइ बखाण !! इसी प्रकार षट्कर्मरास कर्मसिद्धान्सपर आधारित है। इसमें देवपूजा, गुरूपासना, स्वाध्याय, सयम, तप और दान इन षट्कर्मों के पालन करनेका सुन्दर उपदेश दिया है। इसमें ५३ छन्द हैं और अन्तिम छन्दमें कविने अपने नामका उल्लेख किया है। 'जलगालनरास' में ३३ पद्य हैं। इसमें जल छाननेकी विधिका रासशैलीमें वर्णन है । इस प्रकार ज्ञानभूषणने साहित्य, संस्कृति और समाजके उत्थानके कार्य किये हैं। ३५४ : तीर्थंकर महावीर और उनको नाचार्य-परम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy