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________________ णव-सय-णउपाणउये कत्तियमासे अमावसी दिवसे । रइयं पास-पुराणं कइणा इह पउमणामेण ॥ अर्थात्-पप्रकीतिने पार्श्वपुराणकी रचना की, पृथ्वीभ्रमण किया और निनालयोंके दर्शन किये अब उसे जीवन-मरणके सम्बन्धमें कोई हर्ष-विषाद नहीं है। श्रावककुलमें जन्म, जिनचरणोंमें भक्ति तथा कवित्व, ये तीन बार्ते हे जिनवर ! पद्मको जन्मान्तरोंमें प्राप्त हो । अन्तिम पद्यमें कविने अपनी रचनाके समयका उल्लेख किया है। १८वीं सन्धिके अन्तिम कड़वकमें आचार्यने अपनी गुरुपरम्पराका निर्देश किया है, जो निम्न प्रकार है सुपसिद्ध महागइ णियमवरु थिउसेण-संधु इह महिहि बरु । तहि चंदसेणु णामेण रिसी वय-संजम-णियमई जासु किसी ॥ तहाँ सोसु महामइ णियमधारि जयवंतु गुणायरु बंभयारि । सिरि माहउसेणु महाबुमाउ जिणसेणु सीसु पुणु तासु जाउ ।। तहाँ पुन्व-सणेहें पउमकित्ति उप्पण्णु सोसु जिणु जासू चित्ति । तें जिणवर-सासणु-भासिएक कह चिरइय जिणसंगहा मएण ॥ घत्ता–सिरि-गुरु-देव पसाएँ कहिउ असेसु वि चरिउ मई। पउमकित्ति-मुणिपुगवहो देउ जिणेसरु विमलमइ' ॥ अर्थात् इस पृथ्वीपर सुप्रसिद्ध अत्यन्त प्रतिभाशाली, नियमोंका धारक श्रेष्ठ सेनसंघ हुआ। उसमें चन्द्रसेन नाम ऋषि थे। जिनके जीवित रहनेके साधन ही व्रत, संयम और नियम थे। इनके शिष्य महामति नियमधारी, नयवान्, गुणोंको खान ब्रह्मचारी तथा महानुमाव श्री माधवसेन हुए। तत्पश्चात् उनके शिष्य जिनसेन हुए । पूर्वस्नेहके कारण पद्मकीर्ति उनका शिष्य हुआ, जिसके चित्तमें जिनवर विराजते थे। गुरुदेवके प्रसादसे यह ग्रन्थ लिखा गया, मुनि पद्यकीतिको जिनेश्वर बुद्धि प्रदान करें। ___इस गुरुपरम्परासे स्पष्ट है कि परकीतिके गुरु जिनसेन, दादागुरु माधवसेन और परदादागुरु चन्द्रसेन थे। सेनसंघ अत्यन्त प्रसिद्ध रहा है और इस संघमें बड़े-बड़े आचार्य उत्पन्न हुए हैं। पद्मकीर्ति दाक्षिणात्य थे, क्योंकि सेनसंघका प्रभुत्व दक्षिण भारतमें रहा है। 'पासणाहचरिज'के वर्णनोंसे भी इनका दक्षि१. पासणाहरित, अन्तिम अन्य प्रशस्ति । २. पासणाहरित, सम्पादक प्रफुल्ल कुमार मोदी, प्राकृत टेक्स्ट सोसाइटी, १८॥२२ । २०६ : तीर्थकर महावीर बोर उनकी आचार्य परम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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