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________________ एतद् योऽत्र न जानाति तस्य जन्म निरर्थकम् । तेन सर्व प्रवक्ष्यामि विस्तरेण शुभाशुभम् ॥ xxx भणियं दुग्गदेवण जो जाणइ वियवखणो। सो रान्चत्य वि पुजो णिच्छयओ लद्धलच्छीय ॥ हितोरा दूर्गदेन कातन्त्रवृत्तिके रचयिता है तथा इस नामके एक आचार्यका उद्धरण आरम्भसिद्धि नामक ग्रन्यकी टीकामें श्री हेमहंसगणिने निम्न प्रकार उपस्थित किया है दुर्गसिंह:-"मुण्डयितारः भाविष्ठायिनो भवन्ति बघूमूढाम्" इति । उपयुक्त दोनों दुर्गदेवोंपर विचार करनेसे यह ज्ञात होता है कि ये दोनों ज्योतिष विषयके ज्ञाता तो अवश्य हैं पर रिष्टसम्मुचयके कर्ता नहीं हैं। रिष्टसमुच्चयको रचनाशैली बिल्कुल भिन्न है। गुरुपरम्परा भी इस बातको व्यक्त करती है कि आचार्य दुर्गदेव दिगम्बर परम्पराके हैं। जैन साहित्य संशोधकमें प्रकाशित 'बृहट्टिमणिका' नामक प्राचीन जैन ग्रन्थ सूचीमें मरणकण्डिका और मन्त्रमहोदधिके कर्ता दुर्गदेवको दिगम्बर आम्नायका आचार्य माना है । रिष्टसमुच्चयकी प्रशस्तिसे भी ज्ञात होता है कि इनके गुरुका नाम संयमदेव' था । संयमदेव भी संयमसेनके शिष्य थे तथा संयमसेनके गुरुका नाम माधवचन्द्र था । __ 'दिगम्बर जैन ग्रन्थकर्ता और उनके ग्रन्थ' नामक पुस्तकमें माधवचन्द्र नामके दो व्यक्ति आये हैं। एक तो प्रसिद्ध त्रिलोकसार,क्षपणकसार,लब्धिसार आदि प्रन्धोंके टीकाकार और दूसरे पद्मावती पुरवार जातिके विद्वान् हैं । मेरा अपना विचार है कि संयमसेन प्रसिद्ध माधवचन्द्र अविद्यके शिष्य होंगे। क्योंकि इस गरम्पराके सभी आचार्य गणित, ज्योतिष आदि लोकोपयोगी विषयोंके ज्ञाता हुए हैं । दुर्गदेवने 'रिष्टममुच्चय' ग्रन्थको रचना लक्ष्मीनिवास राजाके राज्यमें कुम्भनगर नामक पहाड़ी नगरके शान्तिनाथ जिनालयमेंकी है। विशेषज्ञोंका अनुमान जय जए जियमाणो संजमदेवो मुणीरारो इत्य। तहवि हु संजमसेणो माहवचन्दो गुरुतय ॥ रइयं बहुसत्पत्थं उवजीवित्ता हु दुग्गएवंण । रिट्ठसमुच्चयसत्थं बयणेण संजमदेवस्स ॥ --रिष्टसमच्यय, गोधाग्रन्थमाला, इन्दौर संस्करण, गाथा-२५४, २५५ । गिरिकुमनयरण (य) ए सिरिलच्छिनिवासनिबइरजमि । सिरिसतिनाह भपणे मुणि-भविव-सम्मउमे (ले) रम्मे ॥ -रिण्टसमुच्चय, गाथा २६१ । १९६ : तीसंकर महावीर और उनकी आचार्यपरम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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