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________________ स्पष्टीकरण किया गया है। ग्रहोंकी गतिसाधन क्रियाका बहुत ही सुन्दर वर्णन आया है । षष्ठ परिछेदमें ग्रहोंके युद्धका वर्णन किया गया है। प्रारम्भमें ग्रहयुद्धकी परिभाषा बतलाते हुए लिखा है राश्यंशकलाः सर्वाः यदा भवेयुः समा दुयोर्ग्रहयोः । योगस्तयोस्तदा जायते च तयुद्धमिति वाच्यम् || अर्थात् जब दो ग्रहोंके राशि-अंश कला समान हों, उस समय उन दोनोंका योग युद्ध-संज्ञक होता है। इस युद्धके प्रवाजत' पुरतः दष्ट युद्ध और एग्स' दृष्ट युद्ध-ये दो भेद बतलाये तथा इनका विस्तारसहित वर्णन भी किया है। इसके पश्चात् सप्तम परिच्छेद ग्रहणाधिकार नामका है। इसमें विटोप, लम्बन, नति आदिके सामान्य गणितके साथ ग्रहणको दिशा, ग्रास, स्पर्श और मोक्षकी मध्यम घटिकाओंका आनयन किया है। __अष्टम प्रकरण लग्न साधनका है। इसमें शंकुच्छाया, पदच्छाया आदि नाना प्रकारोंपरसे लग्न-साधन किया है । ग्रहोंके संस्कार भी इस प्रकरण में बताये गये हैं। यह प्रकरण पर्याप्त विस्तृत है। गणितके कुछ कर्णसूत्र भी इसमें आये हैं। इसके अनन्तर लग्न-सिद्धि प्रकरण में प्रतिष्ठामुहूर्त, यमघंटक, कुलिक, प्रहराधपात, कचउत्पात, मृत्यु, काण, सिद्ध, अमत आदि योगोंके लक्षण दिये गये हैं। दशम प्रकरण में नक्षत्रोंके वृक्ष, देवता एवं शुभाशुभत्वका प्रतिपादन किया है। यह ग्रन्थ अपूर्ण है। जातक तिलक कन्नड़ भाषामें लिखित जातक सम्बन्धी ग्रन्य है। दुर्गदेवाचार्य दुर्गदेव नामके श्वेताम्बर और दिगम्बर साहित्यमें तीन आचायोंका उल्लेख मिलता है। प्रथम दुर्गदेवका उल्लेख मेघविजयके वर्षप्रबोधमें आया है । इसमें इन्हें षष्ठि-संवत्सरी' नामक ग्रन्यका रचयिता बतलाया है। उद्धरण निन्न प्रकार हैअथ जैनमते दुर्गदेवः स्वकृतषष्ठिसंवत्सरग्रन्थे पुनरेवमाह-- ॐ नमः परमात्मानं वन्दित्वा श्रीजिनेश्वरम् । केवलज्ञानमास्थाय दुर्गदेवेन भाष्यते ।। पार्थ उवाच-भगवान् दुर्गदेव ! देवानामधिप ! प्रभो !! भगवन् कथ्यतां सत्यं संवत्सरफलाफलम् ।) दुर्गदेव उवाच-शृणु पार्थ ! यथावृत्तं भविष्यन्ति तथाद्भुतम् । दभिक्षं च सभिक्षं च राजपीडा भयानि च ॥ प्रबुद्धाचार्य एवं परम्परापोषकाचार्य : १९५
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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